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इण्डिया गठबंधन में पड़ी फुट थमने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस और सपा दिन पर दिन एक दूसरे के खिलाफ होते जा रहे हैं जिसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह गठबंधन भाजपा के विपक्ष में नहीं बल्कि आपस में लड़ने के लिए बनाया गया था। दरअसल, सपा और कांग्रेस की तल्खी ने अब शब्दों की मर्यादा को भी लांघ दिया है क्योंकि नेताओं ने राजनीति की भाषा को छोड़कर लोकल शब्दों का चुनाव कर लिया है, और नेताओं को चिरकुट, पागल और मंद बुद्धि बुलाने लगे हैं।
आपको बता दे कि सपा नेता आईपी सिंह ने आज अपने सोशल मीडिया पर कांग्रेस के राहुल गांधी पर तंज कसते हुए लिखा कि महागठबंधन की पहल बिहार के 8 बार के यशस्वी सीएम अति सरल पटेल नीतीश कुमार जी ने की। एक एक पार्टियों को जोड़े और उन्हें महागठबंधन का नेता बनाने के बजाय कांग्रेस खेल पर उतर आयी। जिसके बाद उन्होंने आगे लिखा कि 2019 में चौकीदार चोर है उस पागल मंद बुद्धि राहुल गांधी के सहारे कांग्रेस अपने बल बुते चली है मोदी जी को हराने असंभव। जो व्यक्ति अपने सगे भाई वरुण गांधी जी को नहीं जोड़ पाया वह झूठा मोहब्बत बांट रहा है।
इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने यह भी लिख दिया कि कांग्रेस की सात पुश्तें समाजवादी पार्टी की कभी कुछ बिगाड़ नहीं पायेंगी वैसे राहुल गांधी वंशविहीन हैं। ननिहाल वैसे उनके लिए मुफीद जगह है। इसके बाद एक दूसरे पोस्ट में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम यादव का जिक्र करते हुए आईपी सिंह ने लिखा कि “श्रद्धेय नेता जी कहते थे कांग्रेस दुश्मन नम्बर एक पार्टी है। उसे कांग्रेसी बार-बार अपने आचरण से साबित करते हैं। 2004-2014 तक सहयोगी दलों के साथ क्या बर्ताव किया सारा हिन्दुस्तान जानता है। 2004 में बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता श्रद्धेय नेता जी ने 39 सीटें जीतकर दिखाया। बीजेपी 8 सीट पर यूपी में सिमट गयी और 10 वर्ष खड़ी नहीं हो पायी।”
उन्होंने आगे कहा, “सत्ता मिलते ही नेता जी का उत्पीड़न कांग्रेस ने शुरू कर दिया। केंद्र सरकार से राहुल गाँधी ने समाजवादियों को दूर रखा। माननीय लालू यादव जी को मुसीबत में इसी राहुल गाँधी ने अपनी नादानी से डाला। उसके बाद मोदी ने उन्हें जेल में डाल दिया, जहाँ उनकी किडनी खराब हो गयी। तबसे वे बेचारे जीवन और मौत से जूझ रहे हैं, क्योंकि वे पिछड़े वर्ग के बड़े नेता हैं।”
सपा नेता ने कहा, “बिना PDA के कॉन्ग्रेस कुछ नहीं कर पायेगी। देश में तुम्हारे पैदल यात्रा से उत्तर भारत में कोई फर्क नहीं पडने वाला। जातिगत जनगणना परिवर्तन का मूल आधार बन रहा है, जिसे कॉन्ग्रेस ने भी बीजेपी के साथ रोक रखा था। बिहार ने उसकी पहल कर दी। अब कोई माई का लाल नहीं रोक सकता। जिसकी जितनी संख्या भारी उतनी उसकी हिस्सेदारी।”
Baten UP Ki Desk
Published : 21 October, 2023, 4:14 pm
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