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उत्तर प्रदेश को निपुण प्रदेश बनाने के लिए संकल्पित योगी सरकार पूरी गंभीरता से इस दिशा में आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में बच्चों में बुनियादी भाषायी व गणित विषयों में दक्षता के विकास के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने 25अक्टूबर यानी आज से 10 दिसंबर तक प्रदेश भर के शिक्षकों व शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ब्लॉक स्तरीय संदर्भदाताओं का प्रशिक्षण डायट स्तर पर आज से चार नवंबर के बीच होगा। वहीं, प्राथमिक विद्यालय के सभी शिक्षकों व शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण ब्लॉक संसाधन केंद्र पर छह नवंबर से 10 दिसंबर के बीच होगा। खास बात ये है कि प्रशिक्षण में फाउंडेशनल लिटरेसी एवं न्यूमरेसी (एफएलएन) के क्षेत्र में कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।
प्रधानाचार्यों और शिक्षक अपने अनुभव कर सकेंगे साझा-
ऐसे प्रधानाचार्यों और शिक्षको को भी अपने अनुभव साझा करने का अवसर दिया जाएगा जिन्होंने अपने विद्यालयों में 80 प्रतिशत तक निपुण लक्ष्य को हासिल कर लिया है। अभियान को मिलेगी गति महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि निपुण लक्ष्य पाने के लिए शिक्षकों व ब्लॉक स्तरीय संदर्भदाताओं का प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए डीआईओएस, बीएसए व बीईओ आदि का प्रशिक्षण पूरा किया जा चुका है। इसी क्रम में अब प्राथमिक विद्यालय के सभी शिक्षकों व शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम तय किया गया है, जिससे वे विद्यार्थियों को निपुण बनाने के अभियान को गति दे सकें। इसके लिए ब्लॉक स्तरीय संदर्भदाताओं का प्रशिक्षण डायट स्तर पर 25 अक्तूबर से चार नवंबर के बीच होगा। वहीं, प्राथमिक विद्यालय के सभी शिक्षकों व शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण ब्लॉक संसाधन केंद्र पर छह नवंबर से 10 दिसंबर के बीच होगा।
50-50 का होगा शिक्षकों का बैच-
हर ब्लॉक में पांच एआरपी व सभी डायट मेंटर शामिल होंगे। इनको सीमैट प्रयागराज के संदर्भदाता प्रशिक्षण देंगे। महानिदेशक ने कहा है कि शिक्षकों का बैच 50-50 का होगा। अगर शिक्षक अनुपस्थित मिलते हैं तो इसके लिए बीईओ जिम्मेदार होंगे। बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों का हो सम्मान जारी निर्देशों में कहा गया है की प्रशिक्षण में फाउंडेशनल लिटरेसी एवं न्यूमरेसी (एफएलएन) के क्षेत्र में कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जनपद और विकास खंड स्तरीय प्रशिक्षण में आमंत्रित किया जाए, जिससे कि उनके अनुभव एवं विशेषज्ञता का लाभ प्राप्त हो सके। इसी तरह, प्रत्येक बैच में एक ऐसे प्रधानाध्यपक / शिक्षक की पहचान की जाए, जिन्होंने अपने विद्यालय में सक्रिय पुस्तकालय, बच्चों की अधिगम दक्षता, कक्षा शिक्षण, ऑपरेशन कायाकल्प, एसएमसी/समुदाय से सहयोग, सीएसआर फंड, प्रार्थना सभा, प्रिन्टरिच/ टीएलएम इत्यादि क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन/नवाचार किया हो अथवा विद्यालय के 80 प्रतिशत से अधिक बच्चे निपुण हो।
Baten UP Ki Desk
Published : 25 October, 2023, 3:11 pm
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