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सेफ सिटी प्रोजेक्ट में शामिल हुआ लखनऊ

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गृह मंत्रालय ने लखनऊ सहित कुल आठ शहरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड योजना के तहत सेफ सिटी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इन आठ शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और लखनऊ शामिल है। स्थानीय निकायों और स्टेट लाइन डिपार्टमेंट के सहयोग से राज्य सरकार ने इसे लागू कराने की ज़िम्मेदारी पुलिस डिपार्टमेंट को दी है। सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत हॉटस्पॉट यानि वह जगह जहां महिलाओं के साथ अपराध के मामले ज्यादा हो, उनकी पहचान की जाएगी और आधिकारिक संरचना, टेक्नोलॉजी से जुड़े सभी मानकों के साथ और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की विचारधारा को बदलने का काम भी किया जाएगा। इस स्कीम को सार्थक बनाने के उद्देश्य से गृह मंत्रालय ने एक ‘सेफ सिटी इम्प्लीमेंटेशन एंड मोनिटरिंग पोर्टल’ (Safe City Implementation and Monitoring Portal-SCIM Portal) को भी बनाया है जिसमें संबंधित एजेंसी इससे जुड़े कई अपडेटस को अपलोड कर पाएगी।

कब और क्यों हुई निर्भया फंड की शुरुआत

साल 2013 में निर्भया फंड की शुरुआत महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को कम करने, रेप पीड़ित महिलाओं की आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से की गई थी। इसके तहत इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम, वन स्टॉप सेंटर, महिलाओं के खिलाफ हो रहे साइबर क्राइम की घटनाओं को कम करने और महिला पुलिस वालंटियर को शामिल किया गया। सरकार ने महिला बाल विकास मंत्रालय को साल 2015 में निर्भया फंड के लिए नोडल एजेंसी बनाया था।

इस योजना के तहत घरेलू हिंसा का शिकार हुई महिलाओं के लिए क्राइसिस सेंटर, महिलाओं के रहने की सुविधा, महिला पुलिस वालंटियर के साथ वीमेन हेल्पलाइन सेंटर को स्थापित किया गया है। पूरे देश में अब कुल 700 वन स्टॉप सेंटर बनाए गए हैं जहां महिलाओं को पुलिस सेवा, उनकी सलाह और डॉक्टरों की सलाह मिलती है।

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