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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संभल में कल्कि धाम का शिलान्यास किया। इस मौके पर सीएम योगी के साथ ही पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम भी मौजूद रहे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी ने कल्कि धाम का शिलान्यास किया। यह मंदिर संभल के एंकरा कंबोह इलाके में बनने जा रहा है। इस मंदिर को सफेद और भगवा रंग से सजाया जा रहा है। अयोध्या के भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद यह मंदिर सबसे ज्यादा चर्चा में है। संभल में कल्कि धाम का निर्माण श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है, जिसके अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं। इस कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ समेत कई धार्मिक संत और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।
संभल से जुड़ी हैं कल्कि अवतार की मान्यताएं-
कल्कि पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का कल्कि अवतार संभल गांव में होगा। मान्यता है कि उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल गांव में भगवान विष्णु का 10वां कल्कि अवतार होना है। 'अग्नि पुराण' के सोलहवें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार के रूप में किया है। कल्कि भगवान देवदत्त नाम के एक सफेद घोड़े पर बैठ कर आएंगे और पापियों का विनाश करेंगे। यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा।
सनातन धर्म में कल्कि का महत्व-
कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का भविष्य का 10वां अवतार माना जाता है। मान्यता है कि कल्कि अवतार के बाद कलियुग खत्म हो जाएगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार जब अधर्म ने अपना कुरूप दिखाना प्रारंभ किया। तब भगवान विष्णु ने अवतार लेकर पुन: धर्म को स्थापित किया। शास्त्रों में भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन है, जिसमें से श्रीहरि का 'कल्कि अवतार' होना बाकी है। इनके गुरु चिरंजीवी भगवान परशुराम होंगे जिनके निर्देश पर कल्कि भगवान शिव की तपस्या करेंगे और दिव्यशक्तियों को प्राप्त कर अधर्म का अंत करेंगे।
कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम-
1965 में उत्तर प्रदेश के संभल में जन्में आचार्य प्रमोद कृष्णम दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। पार्टी ने साल 2014 में उन्हें संभल और 2019 में लखनऊ से प्रत्याशी बनाया था और दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। आचार्य प्रमोद, कांग्रेस की उत्तर प्रदेश सलाहकार परिषद का हिस्सा थे, जिसका गठन तत्कालीन यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की मदद के लिए किया गया था।
आचार्य प्रमोद का कांग्रेस से निष्कासन-
श्री कल्कि धाम के समारोह में प्रधानमंत्री के शामिल होने के संकेत मिलने के बाद कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। आजीवन कांग्रेसी रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पहली फरवरी को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण पत्र दिया था। इस निमंत्रण के प्रति प्रधानमंत्री के सकारात्मक रुख के बाद कांग्रेस की अंदरूनी सियासत के बीच 10 फरवरी को प्रमोद कृष्णम पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का पत्र जारी हो गया था। जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर आचार्य प्रमोद को छह साल के लिए पार्टी से निकाला है।
Baten UP Ki Desk
Published : 19 February, 2024, 11:28 am
Author Info : Baten UP Ki