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अब देश में चावल के उत्पादन को बढ़ाने में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स IOT और मशीन लर्निंग तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान यानी इरी को गूगल से दो मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 16 करोड़ 67 लाख रुपये) का अनुदान मिला है। इससे विश्व के चावल उत्पादन वाले देशों के किसान एआई की सलाह पर स्मार्ट जलवायु में चावल का उत्पादन बढ़ा सकेंगे।
स्मार्ट जलवायु में बढ़ेगा चावल का उत्पादन-
वाराणसी के इरी संस्थान के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह के मुताबिक अत्यधिक जलवायु परिवर्तनशीलता के कारण चावल उत्पादन के सामने कई चुनौतियां सामने आ रही हैं।इसका समाना करने के लिए नई तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है। इसी क्रम में एआई, आईओटी, और मशीन लर्निंग तकनीक भी चावल के उत्पादन में सहयोगी होगी। इसकी सलाह से स्मार्ट जलवायु में चावल का उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा। इरी के वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के अनुकूल उन्नत प्रजनन से नई प्रजातियों और अनुकूलित कृषि के तरीकों को विकसित करने पर लगातार काम कर रहे हैं। वाराणसी में स्थित, इरी के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में (आइसार्क) जलवायु-अनुकूल किस्मों के तेजी से विकास के लिए स्पीडब्रीड की अत्याधुनिक सुविधा भी उपलब्ध है।
आधी आबादी का प्रमुख भोजन चावल-
इरी के निदेशक ने कहा कि दुनिया की आधी आबादी का प्रमुख भोजन चावल है। एशिया इसके उत्पादन का प्रमुख केंद्र है। मगर हम जलवायु परिवर्तन, अजैविक तनाव (सूखा, जलमग्नता/लवणता) और पारंपरिक प्रबंधन क्रियाओं के साथ पारंपरिक फसल स्थापना विधियां जैसी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। इरी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इन चुनौतियों का समाधान करने में लगा है। इसके लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग मिल रहा है।
Baten UP Ki Desk
Published : 25 November, 2023, 6:57 pm
Author Info : Baten UP Ki