बड़ी खबरें

पंजाब उपचुनाव में AAP 3, कांग्रेस एक सीट जीती:बरनाला में बागी की वजह से आप जीत से चूकी, 2 कांग्रेसी सांसदों की पत्नियां हारीं 15 घंटे पहले भाजपा ने कोंकण-विदर्भ में ताकत बढ़ाई, शरद पवार के गढ़ में भी लगाई सेंध 13 घंटे पहले बीजेपी दफ्तर पहुंचे पीएम मोदी, पार्टी नेताओं ने किया जोरदार स्वागत 8 घंटे पहले कांग्रेस 63 से 15, बीजेपी 79 से 133 पहुंची:महाराष्ट्र चुनाव में किनारे लगे उद्धव और शरद 8 घंटे पहले 15 राज्यों की 46 विधानसभा, 2 लोकसभा के नतीजे:वायनाड में प्रियंका 4 लाख+ वोटों से जीतीं; MP में मंत्री हारे, यूपी की 9 में 7 पर भाजपा गठबंधन जीता 8 घंटे पहले झारखंड में फिर से हेमंत सरकार:56 सीटों पर धमाकेदार जीत; हेमंत बोले- I.N.D.I.A. का परफॉर्मेंस अच्छा, रांची में पोस्टर- शेरदिल सोरेन फिर आया 8 घंटे पहले 33 साल बाद कटेहरी में खिला कमल:धर्मराज निषाद ने 34 हजार वोटों से शोभावती को हराया 8 घंटे पहले

अब देश में चावल के उत्पादन में AI तकनीक का प्रयोग, इरी को गूगल ने दिया इतने करोड़ का अनुदान

Blog Image

अब देश में चावल के उत्पादन को बढ़ाने में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और  इंटरनेट ऑफ थिंग्स IOT और मशीन लर्निंग तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान यानी इरी को गूगल से दो मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 16 करोड़ 67 लाख रुपये) का अनुदान मिला है। इससे विश्व के चावल उत्पादन वाले देशों के किसान एआई की सलाह पर स्मार्ट जलवायु में चावल का उत्पादन बढ़ा सकेंगे।

स्मार्ट जलवायु में बढ़ेगा चावल का उत्पादन-

वाराणसी के इरी संस्थान के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह के मुताबिक अत्यधिक जलवायु परिवर्तनशीलता के कारण चावल उत्पादन के सामने कई चुनौतियां सामने आ रही हैं।इसका समाना करने के लिए नई तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है। इसी क्रम में एआई, आईओटी, और मशीन लर्निंग तकनीक भी चावल के उत्पादन में सहयोगी होगी। इसकी सलाह से स्मार्ट जलवायु में चावल का उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा। इरी के वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के अनुकूल उन्नत प्रजनन से  नई प्रजातियों और अनुकूलित कृषि के तरीकों को विकसित करने पर लगातार काम कर रहे हैं। वाराणसी में स्थित, इरी के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में (आइसार्क) जलवायु-अनुकूल किस्मों के तेजी से विकास के लिए स्पीडब्रीड की अत्याधुनिक सुविधा भी उपलब्ध है।

आधी आबादी का प्रमुख भोजन चावल-

इरी के निदेशक ने कहा कि दुनिया की आधी आबादी का प्रमुख भोजन चावल है। एशिया इसके उत्पादन का प्रमुख केंद्र है। मगर हम जलवायु परिवर्तन, अजैविक तनाव (सूखा, जलमग्नता/लवणता) और पारंपरिक प्रबंधन क्रियाओं के साथ पारंपरिक फसल स्थापना विधियां जैसी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। इरी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इन चुनौतियों का समाधान करने में लगा है। इसके लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग मिल रहा है।

 

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें