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लोकसभा चुनाव के पहले जैसे पार्टी बदलने का मौसम सा आ गया हो। इनदिनों कई नेता इधर-से उधर आ, जा रहे हैं। इसी कड़ी में बीएसपी के अंबेडकर नगर से सांसद रितेश पांडेय ने पार्टी से इस्तीफा देकर BJP का दामन थाम लिया है। UPDCM ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी, यूपी भाजपा प्रभारी बैजयंत पांडा की उपस्थिति में रितेश पाण्डेय ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। बहुजन समाज पार्टी के कोर वोट की सीढ़ी से सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले अब पार्टी से किनारा करते जा रहे हैं। इसमें नया नाम जुड़ गया है अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडेय का। इससे पहले भी आधा दर्जन से अधिक सांसद पार्टी को अलविदा कह चुके हैं।
रितेश पांडेय ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा-
कई दिनों से चली आ रही अटकलों पर विराम लगाते हुए बसपा सांसद रितेश पांडेय ने आज अपनी पार्टी को अलविदा कह दिया। उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती को भेजे पत्र में कहा है कि लंबे समय से न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व स्तर से कोई संवाद हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने आपसे और वरिष्ठ पदाधिकारियों से वार्ता के बहुत प्रयास किए लेकिन परिणाम नहीं के बराबर निकला। पार्टी को मेरी सेवाओं की जरूरत अब नहीं है। हलांकि पार्टी से नाता तोड़ने का निर्णय भावनात्मक रूप से कठिन है लेकिन अब कोई और विकल्प भी नहीं है। रितेश ने आग्रह किया कि तत्काल प्रभाव से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए।
मायावती ने कही ये बात-
रितेश पांडेय के पार्टी छोड़ने के फैसले पर मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए बिना नाम लिए कहा है कि क्या आप बसपा की कसौटी पर खरे उतरे हैं? क्या आपने अपने लोकसभा क्षेत्र का ध्यानि दिया है? क्या आपने अपना पूरा समय क्षेत्र को दिया? क्या आपने पार्टी के समय-समय पर दिए गए निर्देशों का सही से पालन किया है। ऐसे में क्या सांसदों को टिकट फिर से दिया जाना संभव है। ऐसे में स्वाभाविक है कि अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नज़र आएंगे।
रितेश से क्यों नाराज थीं मायावती-
गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव में रितेश के पिता पूर्व सांसद राकेश पांडेय ने बसपा छोड़कर सपा ज्वॉइन कर लिया था। वे सपा के टिकट पर जलालपुर से विधायक भी चुन लिए गए थे। इसी घटनाक्रम के बाद बसपा प्रमुख रितेश से भी नाराज चल रही थीं। उन्हें पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया। नतीजा यह हुआ कि पार्टी के कार्यक्रमों आदि से भी उनकी दूरी बन गई। बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें लंच पर भी आमंत्रित किया था।
मोदी के लंच डिप्लोमेसी का कमाल-
सोशल मीडिया पर एक तबके ने रितेश पांडे के इस्तीफे पर तंज कसते हुए कहा कि यह पीएम मोदी के हाल में ही विपक्षी दलों के आठ-दस सांसदों के साथ दोपहर के भोजन की डिप्लोमेसी का परिणाम है। मोदी ने इस लंच डिप्लोमेसी से बसपा का यह विकेट गिराया है।
इनकी हो चुकी विदाई-
गाजीपुर से बसपा सांसद अफजल अंसारी को इस बार समाजवादी पार्टी ने टिकट दे दिया है। वहीं अमरोहा से बसपा के सांसद कुंवर दानिश अली पार्टी से पहले ही निलंबित होकर बाहर जा चुके हैं। उनका कांग्रेस के साथ मेलजोल बढ़ा है। लालगंज से सांसद संगीता आजाद भी बसपा से आजाद होने की राह पर हैं। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात ने सियासी चर्चाएं तेज कर दी थीं। इसी तरह सांसद श्याम सिंह यादव राहुल गांधी की भारत जोड़ा न्याय यात्रा में शामिल होकर अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं। अब सांसद रितेश पांडे भी इन सबकी राह पर ही बसपा को बाय-बाय कर दिया है।
Baten UP Ki Desk
Published : 25 February, 2024, 1:17 pm
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