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विवादों के 'स्वामी' ने मंदिर आंदोलन पर कही ऐसी बात, भड़का संत समाज

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(Special Story) समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। पहले की तरह ही इस बार भी वो अपने बयान को लेकर विवादों में घिरे हैं। देशभर में भक्तिमय महौल में उन्होंने कुछ ऐसा बोल दिया है कि सभी साधु-संत भड़क गए हैं और कुछ ने तो उनको आतंकी तक करार दे दिया है। आइए विस्तार से बताते हैं पूरा मामला क्या है और आखिर समाजवादी पार्टी को ऐसी भड़काऊ बयानबाजी की क्या जरूरत है? 

विवादों के स्वामी दिया भड़काऊ बयान-

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने  राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर गोली चलवाने को लेकर तत्कालीन मुलायम सरकार का बचाव किया। इसके साथ ही उन्होंने कारसेवकों को अराजक तत्व बता दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- तत्कालीन सरकार ने अमन चैन को कायम रखने के लिए अराजक तत्वों पर उस समय गोलियां चलवाई थीं। सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ​​ने यह बयान मंगलवार को कासगंज के गंजडुंडवारा में आयोजित बौद्ध जन जागरूकता सम्मेलन में दिया था। उन्होंने कहा, "राम मंदिर का निर्माण देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश पर हो रहा है ना कि बीजेपी सरकार के आदेश पर। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर 2024 के लोकसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण का लाभ उठाने का आरोप भी लगाया है।

बड़े पैमाने पर अराजक तत्वों ने की थी तोड़फोड़-

स्वामी प्रसाद ने कहा कि अयोध्या में इस घटना के दौरान वहां पर बिना किसी न्यायपालिका या प्रशासनिक आदेश के बाद बड़े पैमाने पर अराजक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी। तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा और अमन-चैन कायम करने के लिए गोली चलवाई थी। वो सरकार का अपना कर्तव्य था और उसने अपना कर्तव्य निभाया।
बहरहाल स्वामी के इस बयाने से एकबार फिर राजनैतिक चर्चा जरूर शुरू हो गई है। बीजेपी सहित साधु संतों ने स्वामी प्रसाद मौर्य को आड़े हाथों लिया है। 

अखिलेश के रट्टू तोते की तरह बोलते हैं स्वामी-

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस बयान को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश के इशारे पर ही स्क्रिप्टेड बयान उनकी पार्टी के नेता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश की पार्टी के नेता जो बोलते हैं वह उनका लिखा हुआ रट्टू तोते की तरह बोलते हैं।

बौद्धिक आतंकवादी हैं स्वामी प्रसाद मौर्य-

कारसेवकों पर दिए गए विवादित बयान पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने करारा हमला बोला है उन्होंने कहा है कि मैं बौद्धिक आतंकवादी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की निंदा करता हूं।  जिन्होंने शहीद रामभक्तों के बारे में उन्होंने ऐसी टिप्पणी की। मुझे लगता है कि ये समाज में जहर घोलना चाहते हैं। ये बाबर के पैरोकार हैं... बाबर के वंशज हैं। उन्होंने कहा कि मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूं कि इनका बार-बार ऐसे बयान देना और आपका यह कहना कि ये स्वामी प्रसाद के निजी बयान हैं। ऐसे में इन्हें तत्काल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। नहीं तो आपको आने वाले समय में दिक्कत हो जाएगी।

अखिलेश यादव पर चढ़ा स्वामी प्रसाद का भूत- 

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "समाजवादी पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य की कहानी विक्रम बेताल जैसी है। अखिलेश यादव के ऊपर स्वामी प्रसाद मौर्य का भूत चढ़ गया है... वे स्वामी प्रसाद मौर्य से डरते हैं, वे जानते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा के व्यक्ति है, उनके बयानों से उनकी पार्टी का बेड़ा गर्क होगा और वे जानते हैं कि अगर स्वामी प्रसाद मौर्य ऐसे ही बयान देते रहे, तो उत्तर प्रदेश में भाजपा को आने से कोई नहीं रोक सकता फिर भी पता नहीं क्या मजबूरी है

मौर्य विवादित बयानों के बयानवीर- 

समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, "मुझे लगता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य विवादित बयानों के बयानवीर हो गए हैं। मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि भगवान राम उन्हें सद्बुद्धि दें"

स्वामी प्रसाद का विवादों से है गहरा नाता-

आइए स्वामी प्रसाद के बयानों पर एक नज़र डालते हैं जिनके लिए वो अक्सर विवादों में रहते हैं...

  • 22 जनवरी को रामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने अभद्र टिप्पणी की थी। कहा था कि रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए। क्या यही धर्म है?
  • 13 फरवरी को सोनभद्र के मऊकलां में बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए। कहा था, "अभी हाल में मेरे दिए गए बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।"
  • 15 फरवरी को लखनऊ के एक होटल में स्वामी प्रसाद मौर्य और अयोध्या के महंत राजूदास के बीच हाथापाई हुई। राजूदास का आरोप था कि सपा नेता ने उन्हें भगवा आतंकवादी कहा था जिसका उन्होने विरोध किया था।
  • 3 अप्रैल को रायबरेली में आयोजित कांशीराम प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में स्वामी ने 1993 वाला नारा दोहराया। शहर कोतवाली में हिंदू युवा वाहिनी के मारूति त्रिपाठी ने धार्मिक भावनाओ को भड़काने का मुकदमा दर्ज करा दिया।
  • 18 जून को फिल्म आदिपुरुष को लेकर मौर्य ने ट्वीट किया कि जो कल तक मेरी हत्या करने, धड़ से सिर अलग करने, तलवार से सिर काटने, जीभ काटने, नाक-कान व हाथ काटने के लिए उतावले हो गए थे, उनकी बोलती आज बंद क्यों है? इसलिए न की मनोज मुंतशिर और ओम राऊत ऊंची जाति के हैं।
  • 31 जुलाई को स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि बद्रीनाथ, केदारनाथ और जगन्नाथपुरी पहले बौद्ध मठ थे।

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