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उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर दबादले किए गए हैं। वाराणसी के काशी, वरुणा और गोमती जोन के पुलिस उपायुक्त ने लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र जोन स्तर पर विधानसभा बदलते हुए करीब 250 दारोगाओं का तबादला कर दिया गया है। काशी जोन में 98 दारोगाओं का तबादला हुआ है। गोमती जोन के डीसीपी प्रबल प्रताब सिंह ने भी तबादला किए जाने की पुष्टि की है। वहीं शहर से लेकर गांव तक में सिलसिलेवार अपराध होने के बाद भी थानेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। कई थोनदारों की पोल खुल गई, जब रात में चेकिंग पर निकले ज्वाइंट पुलिस आयुक्त ने खुद जांच की।
सात थानेदारों से मांगा गया स्पष्टीकरण-
आपको बता दें कि ज्वाइंट पुलिस आयुक्त ने रात में कई आवाज लगाई, लेकिन सात थानेदारों की ओर से कोई जवाब नहीं आया। पता चला कि थानेदार रात में आवास से निकले ही नहीं। रविवार को संयुक्त पुलिस आयुक्त की मीटिंग में नाराजगी दिखाई दी, जब उन्होंने सात थानेदारों से स्पष्टीकरण मांगा। दो सहायक पुलिस आयुक्त को भी अलग-अलग मामलों में डांट लगाई गई। आपको बता दें कि सयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. के एजिलरसन ने रविवार को अवकाश के दिन अपने कार्यालय में मीटिंग बुलाई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जेसीपी के तेवर बैठक के दौरान बेहद तल्ख थे। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि और अपराध बर्दाश्त नही किया जाएगा। अपराध पर अंकुश कैसे लगे, इस पर चर्चा के दौरान रात में दस से एक बजे तक चेकिंग की सच्चाई ने माहौल को गर्म कर दिया।
क्यों नाराज हुए जेसीपी -
दरअसल में भेलूपर, लक्सा, मंडुआडीह, जैतपुरा, शिवपुर, पर्यटक थाना के प्रभारी रात में अपने आवास से निकले ही नहीं। इनके चेकिंग पर निकलने की सच्चाई खुद जेसीपी ने ही जांची थी। हालांकि, इसके लिए थानेदार अलग-अलग कारण बताते हुए खुद को पाक-साफ बताना चाह रहे थे। जिससे जेसीपी और नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि ठीक से काम नहीं करेंगे तो कुर्सी सलामत नहीं बचेगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 9 October, 2023, 2:20 pm
Author Info : Baten UP Ki