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उत्तर प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज शराबबंदी का मुद्दा उठाया गया जिसका जवाब देते हुए आबकारी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नितिन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी नहीं की जाएगी। शराबबंदी करने से जहां प्रदेश में अवैध शराब की तस्करी बढ़ेगी, वहीं राजस्व कम मिलने से विकास की योजनाएं भी प्रभावित होंगी। विधानसभा में सपा विधायक स्वामी ओमवेश और अभय सिंह ने शराबबंदी का मुद्दा उठाया।
शराब बिक्री के लिए आधार कार्ड अनिवार्य!
स्वामी ओमवेश ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश में शराब बिक्री के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया जाना चाहिए, ताकि युवाओं को शराब नहीं मिल पाए। आबकारी मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिनियम के मुताबकि आधार कार्ड केवल उन्हीं सेवाओं में अनिवार्य किया जा सकता है जिसमें सरकार सब्सिडी या सुविधाएं देती है। हालांकि सरकार यह सुनिश्चित करती है कि 21 वर्ष से कम आयु के युवाओं को शराब नहीं बेची जाए।
लखनऊ की समिट बिल्डिंग का उठा मुद्दा-
इसके साथ ही सपा विधायक अभय सिंह ने लखनऊ की समिट बिल्डिंग में संचालित बार में नाबालिग युवक-युवतियों को शराब पिलाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजधानी में आबकारी विभाग की अनदेखी के कारण मर्यादा शर्मशार हो रही है। उन्होंने विधायकों की एक कमेटी बनाकर समिट बिल्डिंग का निरीक्षण कराने का मुद्दा भी उठाया।
शराबबंदी से बढ़ेगी तस्करी-
आबकारी मंत्री ने कहा कि शराब की बिक्री से मिलने वाले राजस्व का उपयोग सरकार विकास योजनाओं पर करती है। शराबबंदी करने से उपभोक्ताओं को निर्धारिक मानक के अनुरूप मदिरा उपलब्ध नहीं हो सकेगी। इससे शराब की तस्करी बढ़ेगी। आबकारी मंत्री ने आरोप लगाया कि सपा सरकार के समय शराब माफिया नीतियां बनाते थे और सरकार चलाते थे। उन्होंने कहा कि योगी सरकार 2.0 में अवैध शराब से एक भी मौत का मामला सामने नहीं आया है।
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Published : 30 November, 2023, 7:11 pm
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...