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AKTU के दीक्षांत समारोह में मेधावियों को मेडल और छात्रों को मिली डिग्री

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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) का आज 21वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। मुख्य अतिथि के रुप में AICTE के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम और विशिष्ट अतिथि प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल शामिल हुए। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि यह युग विद्यार्थियों का युग है और वे आगे बढ़ेंगे तो देश खुद ब खुद आगे बढ़ेगा। युवाओं के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। 

95 मेधावियों को मिले मेडल-

आपको बता दे कि इस समारोह में 95 मेधावियों को मेडल दिए गए। साथ ही पीएचडी पूरी करने वाले 112 अभ्यर्थियों में पूर्व मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी भी शामिल हैं। उन्हें भी डिग्री दी गई। साथ ही समारोह में 49 हजार 452 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई। इसके अलावा स्पोर्ट्स और स्टार्टअप की श्रेणी में 3 पुरस्कार भी दिए गए। सबसे पहले कॉन्वोकेशन में मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्र मोहसिन अफरोज को चांसलर मेडल दिया गया। वहीं कानपुर की PSIT की स्टूडेंट प्रज्ञा गौतम को कमल रानी वरुण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 48 मेडलिस्ट में 36 छात्राओं और 12 मेडल छात्रों को मिले।

जन्मदिन पर पार्टी देने के बजाय आंगनबाड़ी में मुहैया कराएं सामान-

इस अवसर पर  राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि यह युग विद्यार्थियों का युग है और वे आगे बढ़ेंगे तो देश खुद ब खुद आगे बढ़ेगा।युवाओं के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।  उन्होंने कहा कि आपका जन्मदिन आए, तो एक साल होटल में मत जाए। 20 से 25 हजार का खर्चा आता है। दोस्तों के साथ होटल में खाने का जितना संतोष होगा, उससे ज्यादा संतोष आंगनबाड़ी में सामान मुहैया कराने पर होगा। 3 स्टूडेंट्स को स्टार्टअप अवॉर्ड मिला है। स्टार्टअप ढूंढने के लिए कही जाने की जरूरत नहीं हैं। ऐसे कई स्थान हैं, हमारे समाज की समस्याओं का समाधान करने की जरूरत है। 

बदल रहा है नेचर ऑफ जॉब 

उन्होंने कहा कि मैं बताना चाहती हूं कि आज से 9-10 साल पहले देश में सिर्फ 100 स्टार्टअप थे, आज 1 लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं। पीएम कौशल विकास के तहत देश में डेढ़ करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग मिल चुकी है। अब वो जमाना नहीं है कि एक काम सीख गए तो जीवन भर काम चल पाएगा। नेचर ऑफ जॉब बदल रहा है, इसलिए खुद को अपडेट करते रहना होगा। AI पर केंद्रित पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के जीवन को नया आयाम दे रहा है।

50,000 से ज्यादा उपाधि डीजी लॉकर में की जा रही अपलोड-

वहीं कुलपति जेपी पांडेय ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा उपाधि डीजी लॉकर में अपलोड की जा रही हैं। वर्किंग प्रोफेशनल के लिए बीटेक की शुरुआत हुई हैं। हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू हुई हैं। विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ MOU करके ट्यूनिंग प्रोग्राम की शुरुआत कर रहे हैं। आज 112 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि भी दी जा रही हैं।

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