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सपा के विधायकों ने दिया साथ, तो बन गई संजय सेठ की बात?

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(Special Story) उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए हो रही वोटिंग में बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ की जीत भी लगभग तय मानी जा रही है। क्योंकि समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका उनके ही विधायकों ने दे दिया है। सपा के कई विधायक बागी हो गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सपा के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। मनोज पांडेय ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मतदान किया है। आपको बता दें कि मतदान के पहले वह आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के कक्ष में भी गए। बताया जा रहा है कि सपा के छह विधायकों ने बीजेपी को वोट किया है। इसके साथ ही मतदान के दौरान सपा के पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की। इनमें अभय सिंह, राकेश सिंह, राकेश पांडेय, विनोद चतुर्वेदी और मनोज पांडेय शामिल रहे। बाद में सपा विधायक आशुतोष मौर्य ने भी बीजेपी प्रत्याशी को वोट देने का ऐलान कर दिया है। इसके पहले, सपा के विधायक मनोज पांडे ने पत्र लिखकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को मुख्य सचेतक के पद से अपना इस्तीफा सौंपा था। 
 बीजेपी ने किया जीत का दावा-

राज्यसभा चुनाव पर बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि भाजपा के आठों उम्मीदवार जीतकर दिल्ली जाने वाले हैं। जिनको डर था वे सुबह से ही गा रहे हैं कि भाजपा ने उनके विधायकों को छीन लिया है। उन्होंने कहा कि उन लोगों को अपने घर को संभालना नहीं आया। किसी पर आरोप लगाने से पहले ये भी देख ले कि आपके घर के सदस्य क्यों आपसे भागना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को बहाना बनाने की आदत पड़ चुकी है। 2017 में बहाना दिया, 2019 में दिया और अब 2024 में भी एक और बहाना देंगे। 

 ये हैं सपा के उम्मीदवार-

राज्यसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की तरफ से तीन प्रत्याशी मैदान में हैं। सपा ने फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन को लगातार पांचवीं बार राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री व सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन एवं अखिलेश सरकार में मुख्य सचिव रहे आलोक रंजन को सपा ने राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया गया है।


बीजेपी के 8 उम्मीदवार-

आपको बता दें कि बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए सुधांशु त्रिवेदी, अमरपाल मौर्य, आरपीएन सिंह, तेजवीर सिंह,नवीन जैन, साधना सिंह और संगीता बलवंत बिंद  के साथ ही संजय सेठ को उम्मीदवार बनाया है। 

कौन हैं संजय सेठ-

बीजेपी में शामिल होने से पहले संजय सेठ समाजवादी पार्टी में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में उनके सपा के कई नेताओं के साथ करीबी रिश्ते रहे हैं। संजय सेठ 2019 में सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। संजय सेठ को उस समय बीजेपी ने राज्‍यसभा भेज दिया था। वर्तमान में वह बीजेपी से ही राज्‍यसभा सांसद हैं। संजय यूपी की सियासत के साथ ही कारोबारी जगत में भी बड़ा नाम हैं।

कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव?

अब जानते हैं कि राज्यसभा के चुनावों की प्रक्रिया क्या होती है। राज्यसभा सदस्यों के लिए चुनाव की प्रक्रिया अन्य चुनावों के काफी अलग है। राज्यसभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। यानि कि राज्यसभा सदस्यों का चुनाव सीधे जनता नहीं, बल्कि जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि करते हैं। 

राज्यसभा चुनाव के लिए कौन करता है मतदान?

राज्यसभा चुनाव के लिए राज्यों के विधायक मतदान करते हैं। इस चुनाव में सीधे जनता वोटिंग नहीं करती है। इस चुनाव में जिस पार्टी के पास विधायकों की संख्या अधिक होती है उस पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार की जीत तय होती है। 

राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग का फॉर्मूला?

आपको बात दें कि राज्यसभा चुनाव में ना तो गुप्त मतदान होता है और ना ही इसमें ईवीएम का प्रयोग होता है। इसमें चुनाव का ढांचा थोड़ा अलग होता है। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम के आगे 1 से 4 तक का नंबर लिखा होता है। इसमें विधायकों को वरीयता के आधार पर उस पर चिह्न लगाना होता है। इसके साथ ही राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए कितने वोटों की जरूरत होती है यह पहले से तय होता है। वोटों की संख्या, कुल विधायकों की संख्या और राज्यसभा सीटों की संख्या के आधार पर निकाली जाती है। इसमें एक विधायक की वोट की वैल्यू 100 होती है। 
राज्यसभा चुनाव के लिए एक फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है। इसमें कुल विधायकों की संख्या को 100 से  गुणा किया जाता है। इसके बाद  राज्य में जितनी राज्यसभा की सीटें हैं उसमें एक जोड़ कर भाग दिया जाता है। इसके बाद कुल संख्या में एक जोड़ा जाता है। फिर अंत में जो संख्या निकलती है वह जीत के लिए चाहिए होता है।

राज्यसभा चुनाव के लिए फॉर्मूला-

कुल विधायकों की संख्याx100/(राज्यसभा की सीटें+1)= +1

 

 

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