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उत्तर प्रदेश विधानसभा तकनीकी निगरानी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। आगामी शीतकालीन सत्र से पहले विधानसभा परिसर को दुनिया के सबसे अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैमरा सिस्टम से लैस किया जाएगा। इन हाई-टेक कैमरों के जरिए न केवल हर विधायक की पहचान की जाएगी, बल्कि उनकी गतिविधियों की भी रिकॉर्डिंग और विश्लेषण किया जाएगा। विधानसभा सचिवालय ने इसके लिए ई-टेंडर जारी कर दिया है, और टेंडर फाइनल होने के महज 45 दिनों के भीतर ये सिस्टम स्थापित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बजट सत्र के दौरान इस परियोजना की घोषणा की थी, और अब इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
क्या होगा इस AI सिस्टम में खास?
ये कैमरे भीड़ में भी एक-एक चेहरा पहचानने में सक्षम होंगे, चाहे चेहरा आंशिक रूप से ढका हो या व्यक्ति ने अपना हुलिया बदला हो (जैसे दाढ़ी, मूंछ, चश्मा, हेयरस्टाइल आदि)।
AI सिस्टम स्वत: विधायक की तारीख, समय और लोकेशन के साथ उपस्थिति की रिपोर्ट तैयार करेगा।
पूरे विधानसभा परिसर को क्राउड एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर की निगरानी में लाया जाएगा, जिससे एक साथ सैकड़ों चेहरों की पहचान संभव होगी।
सिस्टम में वीडियो, फोटो और ऑडियो रिकॉर्डिंग की क्षमता भी होगी, जिससे बहस या चर्चा के दौरान भी डिजिटल ट्रैकिंग संभव होगी।
विधायकों का पूरा डाटा होगा दर्ज
इस अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली में सभी विधायकों की जानकारी एक डीप लर्निंग डाटाबेस में फीड की जाएगी। सिस्टम प्रत्येक व्यक्ति को:
नाम, लिंग, डिवाइस आईडी, समय और स्थान के आधार पर ट्रैक करेगा।
किसी भी वॉचलिस्ट या ब्लैकलिस्ट में दर्ज चेहरों को पहचानकर तुरंत अलर्ट भी देगा।
ऑडियो-वीडियो सिस्टम के साथ होगा तालमेल
करीब 42 एडवांस डिवाइसेज से लैस इस पूरे AI निगरानी तंत्र को पहले से स्थापित विधानसभा के ऑडियो-वीडियो सिस्टम से जोड़ा जाएगा। जिस कंपनी को प्रोजेक्ट सौंपा जाएगा, उसे मौजूदा सिस्टम के साथ तकनीकी सामंजस्य स्थापित करने का प्रमाण भी देना होगा।
क्यों है ये पहल अहम?
विधानसभा जैसे लोकतांत्रिक संस्थान में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कदम तकनीकी रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। इससे न केवल विधायकों की उपस्थिति बल्कि उनके व्यवहार, सहयोग और कार्यशैली की भी डेटा आधारित निगरानी संभव होगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा की यह तकनीकी पहल आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल सिस्टम बन सकती है। अब देखना होगा कि इस AI निगरानी के दौर में विधायकों की कार्यशैली और पारदर्शिता में कितना सुधार आता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 16 July, 2025, 1:07 pm
Author Info : Baten UP Ki