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नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिसके मुताबिक कोर्ट ने आरोपी सुरेंद्र कोली और पंढेर को दोषमुक्त कर दिया है। आपको बता दें कि कई दिनों तक चली बहस के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है जिसके मुताबिक कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया। निचली अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसके खिलाफ आरोपी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। नोयडा की कोठी D 5 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को भी कोर्ट ने बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
134 दिन की लंबी सुनवाई के बाद हुआ फैसला-
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी कांड के आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर व सुरिंदर कोली को फांसी की सजा के खिलाफ अपीलों पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। फांसी की सजा के खिलाफ दोनों हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। विभिन्न खंडपीठों ने 134 दिन की लंबी सुनवाई की। कोली पर आरोप है कि वह पंढेर कोठी का केयरटेकर था और लड़कियों को लालच देकर कोठी में लाता था। निठारी गांव की दर्जनों लड़कियां गायब हो गई थी। वह उनसे दुष्कर्म कर हत्या कर देता था। लाश के टुकड़े कर बाहर फेंक आता था।
एक दर्जन से अधिक मामलों में मिली है फांसी की सजा-
नोएडा के निठारी कांड में निचली अदालत से कोली को एक दर्जन से अधिक मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। यह प्रकरण वर्ष 2005-06 के बीच का है। मामले का पर्दाफाश तब शुरू हुआ जब नौकरी की तलाश में घर से निकली एक युवती के पिता ने बेटी की गुमशुदी की रिपोर्ट नोएडा के सेक्टर-20 थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस की जांच में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था। पुलिस ने निठारी में रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले से बच्चों और महिलाओं के दर्जनों कंकाल बरामद किए थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को आरोपी बनाया था। पुलिस की विवेचना के बीच ही मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। सीबीआई ने दोनों के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के कुल 16 मामले दर्ज किए थे।
फांसी के अमल पर सुप्रीम कोर्ट की रोक-
आपको बता दें कि गाजियाबाद स्थित CBI कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को एक दर्जन से अधिक मामलों में फांसी की सजा सुनाई है। हालांकि, फांसी की सजा के क्रियान्वयन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। फांसी की सजा के सभी आदेशों को कोली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। लंबित अपील पर कई बार बहस भी हो चुकी है लेकिन विभिन्न कारणों से सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है।
Baten UP Ki Desk
Published : 16 October, 2023, 1:12 pm
Author Info : Baten UP Ki