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KGMU की शानदार पहल, ब्रेन डेड अंगदाता को डॉक्टरों और कर्मचारियों ने दी सलामी

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उत्तर प्रदेश सरकार की अंगदान की मुहिम अब रंग ला रही है। जिसके चलते अंगदान के जरिए लोगों के जीवन में रोशनी की नई किरण लाई जाने लगी है। इसी के तहत अंगदान करने वाले ब्रेन डेड अंगदाता को लखनऊ के केजीएमयू में श्रद्धांजलि दी गई। अंगदाता का पार्थिव शरीर परिवारजनों को सम्मानपूर्वक सौंप दिया गया। इस दौरान सम्मानजनक तस्वीर दिखाई दी जब अस्पताल की सुरक्षा में तैनात गार्ड, डॉक्टर और कर्मचारियों ने अंगदाता एवं उनके परिजनों को सलामी दी।

केजीएमयू के डॉक्टरों ने रचा इतिहास-

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय यानी केजीएमयू में डॉक्टरों ने इतिहास रच दिया। 24 घंटे के अंदर दो लिवर ट्रांसप्लांट कर दो लोगों की जिंदगी को बचा लिया। दोनों ही मरीज लिवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।  एक ब्रेनडेड पुरुष के शरीर से लिवर को  निकालकर 45 वर्षीय शख्स में प्रत्यारोपित किया गया वहीं दूसरे लिवर ट्रांसप्लांट में एक महिला ने अपने पति को लिवर का एक हिस्सा देकर उसकी जान बचा ली।आपको बता दें कि केजीएमयू में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट विभाग में बीते 24 घंटों में  दो लिवर का प्रत्यारोपण हुआ है। जिन दो मरीजों में लिवर प्रत्यारोपित किया गया है। दोनों का स्वास्थ्य ठीक है। लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टरों का दावा है कि देश में अपनी तरह का यह पहला मामला है जब एक सरकारी संस्थान में दो लोगों को 24 घंटे के अंदर लिवर ट्रांसप्लांट हुआ हो। 

58 वर्षीय व्यक्ति सड़क दुर्घटना में हुआ था घायल-

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के एचओडी प्रोफेसर अभिजीत चंद्रा ने बताया कि राजाजीपुरम  निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हो गये थे। इलाज के लिए उन्हें केजीएमयू स्थित ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां पर वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। इलाज के दौरान उन्हें 6 नवंबर को "ब्रेन डेड" घोषित कर दिया गया और केजीएमयू अंग दान टीम ने परिवार को अंग दान के लिए परामर्श दिया। हताश परिवार के सदस्यों ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर अंगदान के लिए सहमति दे दी। दाता के परिवार के सदस्यों के इस नेक फैसले ने मौत की ओर देख रहे एक जरूरतमंद मरीज को नई जिंदगी देने का काम किया है। उसके बाद डॉक्टरों की एक टीम ने परिवार से सहमति मिलने के बाद लिवर प्रत्यारोपण किया। 

एक पत्नी ने बचाई पति की जान-

ब्रेनडेड पुरुष के शरीर से लिवर निकालकर 45 वर्षीय शख्स में प्रत्यारोपित करने से पहले केजीएमयू में  एक और लिवर प्रत्यारोपण हुआ। जिसमें एक महिला ने अपने 40 वर्षीय पति को लिवर देकर उसकी जान बचाई है। अब तक केजीएमयू, में कुल 30 लिवर प्रत्यारोपण (23 जीवित दाता और 7 ब्रेन डेड) किए गए हैं। इसी के चलते आज केजीएमयू में ब्रेनडेड अंगदाता को सम्मान पूर्वक विदाई देते हुए उनके पार्थिव शरीर को परिवारजनों को सौंपा गया। 

 

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