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सरकार ने राजस्व वादों के निस्तारण में ढिलाई बरतनें वाले 12 डीएम से मांगा स्पष्टीकरण

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प्रदेश की सरकार ने 12 जिलाधिकारियों को राजस्व वादों के निस्तारण में ढिलाई बरतनें के लिए फटकार लगाई है और राजस्व वादों के निस्तारण में हुई ढिलाई को लेकर जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा है। इनमें प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही, अयोध्या, रायबरेली, मेरठ, प्रयागराज, शाहजहांपुर, आगरा, रायबरेली, सोनभद्र, अयोध्या, बलरामपुर व देवरिया के जिलाधिकारी शामिल हैं। साथ ही इस काम में ढिलाई बरतने पर 15 उप जिलाधिकारियों को चेतावनी और तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

नहीं बर्दाश्त की जाएगी ढील-

आपको बता दे कि हाल ही में राजस्व परिषद की ओर से की गई समीक्षा में पाया गया कि कुछ जिलों में वादों का निस्तारण 5 साल से अधिक समय से लंबित है। इन वादों में भूमि अधिग्रहण, भूमि विवाद, राजस्व वसूली आदि शामिल हैं। जिसको लेकर बीती 31 अक्टूबर को राजस्व परिषद की ओर से वादों के निस्तारण की उच्च स्तरीय समीक्षा की गई थी। इस समीक्षा में पाया गया कि कुछ जिलों में वादों का निस्तारण संतोषजनक नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्व वादों के निस्तारण में कोई ढील नहीं बर्दाश्त की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे वादों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से करें। साथ ही राजस्व वादों के निस्तारण में हुई लापरवाही के लिए जिलाधिकारी स्पष्टीकरण दें। 

वहीं मामले को लेकर अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि कुल राजस्व वादों के निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही, अयोध्या और रायबरेली के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। पैमाइश के मामलों में खराब प्रदर्शन करने वाले मेरठ, भदोही, प्रयागराज, शाहजहांपुर और आगरा के जिलाधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

इस मामले में खराब प्रदर्शन वाली पांच तहसीलों सफीपुर (उन्नाव), लोनी (गाजियाबाद), कोरांव (प्रयागराज), नकुड़ (सहारनपुर) और फतेहाबाद (आगरा) के उप जिलाधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है।नामांतरण के मामलों के निपटारे में कोताही बरतने पर रायबरेली, प्रतापगढ़, सोनभद्र, अयोध्या और भदोही के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

नामांतरण से जुड़े वादों के निस्तारण में ढिलाई के लिए दुद्धी (सोनभद्र), मिहिपुरवा (बहराइच), ओबरा (सोनभद्र), मेजा (प्रयागराज) और रायबरेली सदर (रायबरेली) के तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इसके अलावा कुर्रा-बंटवारा के प्रकरणों में खराब प्रदर्शन करने वाले भदोही, प्रतापगढ़, बलरामपुर, देवरिया और प्रयागराज के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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