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उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस आज, CM योगी ने डॉ. ऋतु करीधल और नवीन तिवारी को किया सम्मानित

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आज उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस है। आज ही के दिन 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश की स्थापना हुई थी। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चंद्रयान मिशन में अहम भूमिका निभाने वाली वैज्ञानिक डॉ. ऋतु करीधल श्रीवास्तव और कानपुर के उद्यमी नवीन तिवारी को सम्मानित किया किया। 
आज ही के दिन यूनाइटेड प्रोविंस का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश रखा गया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का नाम बदलकर आर्यावर्त रखने पर तत्कालीन प्रदेश की कांग्रेस कमेटी,  यूनाइटेड प्रोविंस सरकार के मुखिया भी सहमत थे। लेकिन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की आपत्ति के बाद आर्यावर्त की जगह उत्तर प्रदेश नाम रखा गया। 

क्यों मनाया जाता है यूपी दिवस-

उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष 24 जनवरी को “उत्तर प्रदेश दिवस” के रुप में मनाती है। इसी दिन वर्ष 1950 में तत्कालीन यूनाइटेड प्रोविन्स का नाम बदल कर उत्तर प्रदेश किया गया था। इसके बाद मई 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार ने हर साल 24 जनवरी को यूपी दिवस मनाने की घोषणा की। यूपी दिवस मनाने का प्रस्ताव राज्यपाल राम नाईक ने दिया था। तभी से हर साल 24 जनवरी को यूपी दिवस मनाया जाता है। इसके इतिहास के बारे में जानने पर पता चलता है कि 11 नवंबर 1949 को यूनाइटेड प्रोविंस की कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश का नाम आर्यावर्त रखने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव को तत्कालीन शिक्षा मंत्री डा. संपूर्णानंद ने रखा था जिस पर उन्होंने बताया था कि प्रदेश सरकार के मुखिया पं. गोविंद बल्लभ पंत भी आर्यावर्त के समर्थन में हैं। लेकिन 1949 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आपत्ति के बाद रखा उत्तर प्रदेश नाम रखा गया। 1902 में नॉर्थ वेस्ट प्रोविंस की जगह यूनाइटेड प्रोविंस आगरा एंड अवध था। 1937 में नाम केवल यूनाइटेड प्रोविंस रह गया था। जबकि 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश नाम रखा गया।

आर्यावर्त नाम क्यों हुआ खारिज-

आर्यावर्त नाम  रखने पर 5 दिसंबर 1949 को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इस प्रस्ताव पर कांग्रेस के उच्च पदाधिकारियों ने यह कहते हुए आपत्ति दर्ज कराई कि आर्यावर्त नाम संघी मनोवृत्ति का है। प्रदेश में हिन्दू मुस्लिम की मिली जुली संस्कृति के कारण इस नाम पर आपत्तियां लगाई गईं। फर्रुखाबाद में 9 दिसंबर 1949 को हुए सम्मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के सामने प्रदेश के नामकरण का मामला आया जिस पर आर्यावर्त की जगह उत्तर प्रदेश का नाम रखने पर सहमति बनी।

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