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उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में पिछले 10 दिनों से फंसे 41 मजदूरों की आज सुबह 3 बजकर 52 मिनट पर पहली तस्वीर सामने आने से बचाव दल समेत सभी ने राहत की सांस ली। टनल में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं। आपको बता दें कि 6 इंच चौड़ी नई पाइपलाइन के जरिए रविवार को एडोस्कोपिक कैमरा अंदर भेजा गया था। इसके जरिए मजदूरों से बातचीत की गई। इसके साथ ही उनकी गिनती भी की गई जिसमें सभी मजदूर सुरक्षित हैं।
पाइप से भेजा गया खाना-
6 इंच वाली पाइप की मदद से मजदूरों के लिए सोमवार रात को 24 बोतल में ताजी खिचड़ी भेजी गई। 9 दिन बाद पहली बार मजदूरों को गर्म खाना भेजा गया है। इसके अलावा संतरे, सेब और नींबू का जूस भी भेजा गया है। मजदूरों की हर एक्टिविटी का पता लगाने के लिए अब दिल्ली से हाईटेक CCTV मंगाए जा रहे हैं। उनको अंदर भेजकर लगाया जाएगा।
रेस्क्यू ऑपरेशन में मिली दो अहम सफलता-
पिछले कई दिनों से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में सोमवार को दो अहम सफलता मिली हैं। पहली, 6 इंच चौड़ी नई पाइपलाइन डाली गई है और दूसरी ये है कि ऑगर मशीन के साथ काम कर रहे मजदूरों को किसी अनहोनी से बचाने के लिए रेस्क्यू टनल बनाई जा चुकी है। आज दोपहर तक टनल में 3 जगह से ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है।
ग्रीन कॉरिडोर से आएंगी रिगिंग मशीनें-
आपको बता दें कि गुजरात के बलसाड़ और ओडिशा के हीराकुंड से 2 हैवी पाइलिंग रिंग मशीनें वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए आज शाम तक सिलक्यारा पहुंचेंगी। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से इन्हें जल्द पहुंचाने के लिए कॉरिडोर बनाने का निर्देश दिया है। आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोन कर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली थी।
एकस्पर्ट बोले- हम सबको बाहर निकाल लेंगे-
बचाव कार्य में जुटे ऑस्ट्रेलिया से आए इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट ऑर्नल्ड डिक्स ने आज सुबह रेस्क्यू ऑपेरशन की प्रोगेस पर संतोष जताया और कहा कि हम सभी लोगों को बाहर निकाल लेंगे। उन्होंने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग सटीक होने काफी अहम है। वह आज वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग का जायजा लेंगे।
‘दक्ष’ और माइक्रो ड्रोन भी जुटे-
रेस्क्यू ऑपरेशन में टेक्नोलॉजी का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है जिससे टनल में फंसे मजदूरों को जल्द ही बाहर निकाला जा सके। 9वें दिन पहाड़ में तीन जगह ड्रिलिंग की गई। टनल के दूसरे मुहाने पर टीएचडीसी ने हल्के ब्लास्ट के जरिए 880 मीटर टनल बनानी शुरू की है। दूसरी ड्रिलिंग पुरानी जगह हुई। तीसरी टनल के साइड थे। 84 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी भी हो गई है। DRDO के माइक्रो ड्रोन और रोबोट दक्ष भी मलबे और टनल लाइनिंग के बीच के स्पेस से रास्ता ढूंढने में जुटे हुए हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 21 November, 2023, 1:16 pm
Author Info : Baten UP Ki