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वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में भावनाएं भड़काने में FIR पर फैसला आज

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वाराणसी की जिला एवं सत्र न्यायालय में आज कथित शिवलिंग को फव्वारा बताकर क्षति पहुंचाने  की याचिका पर फैसला आएगा। इसमें काशी विश्वनाथ परिसर में मिले कथित शिवलिंग को नुकसान पहुंचाकर हिंदुओं की भावना भड़काने और शिवलिंग के ऊपरी भाग में सीमेंटनुमा पदार्थ जमाकर उसे फव्वारे का रूप देने का प्रयास करने का आरोप लगा है। इस मामले में FIR दर्ज करने के दाखिल प्रार्थना पत्र पर स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत में आज फैसला देगी। अदालत ने पिछले दिनों बहस सुनने के बाद प्रार्थना पत्र पर आदेश सुरक्षित रख लिया है।

क्या है पूरा मामला-

वाराणसी के भेलूपुर थाना के बजरडीहा निवासी विवेक सोनी और चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव और नित्यानंद राय ने शुक्रवार को अदालत में बहस की। कोर्ट को बताया कि विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से काशी में है। ज्योतिर्लिंग को प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थापित किया गया था। जो जीवित स्वरूप में हैं और उसका कभी विध्वंस नहीं हुआ। मात्र मंदिर के स्वरूप को क्षतिग्रस्त किया गया था। मंदिर के मलबे से ही मस्जिद के भवन का स्वरूप बनाया गया। ज्योतिर्लिंग अपने स्थान पर कायम रहा। कुछ अज्ञात लोगों ने ज्योतिर्लिंग को कूप बनाकर ढकने के बाद एक पोखरी का निर्माण कर वजू का स्थान गलत तरीके से बना दिया।

हिन्दुओं की भावना भड़काने के लिए किया गया ये काम-

याचिका में बताया गया है कि काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुंचा कर हिंदुओं की भावना भड़काने और शिवलिंग के ऊपरी भाग में सीमेंटनुमा पदार्थ जमाकर उसे ड्रिल मशीन से छेद कर फव्वारे का रूप देने का प्रयास किया गया। घटना की सूचना तीन जनवरी 2023 को पुलिस को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं  हुई। मामले में स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत में दोनों पक्षों ने अपने गवाह पेश किए। मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध जताते हुए आरोपों को नकारा। जिसमे  जिरह के बाद  आज फैसला आएगा।

 

 

 

 

 

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