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कांग्रेस पार्टी के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब सबसे बड़े राज्य के विधान मंडल के भीतर उनका ऑफिस छिन गया है। ऐसा सिर्फ कांग्रेस के साथ ही नहीं हुआ है बल्कि बसपा का भी दफ्तर विधानसभा सचिवालय ने वापस ले लिया है। ऐसा क्यों हुआ जानने के लिए आगे पढ़े पूरी खबर विस्तार से....
आपको बता दें कि विधानसभा में बसपा और कांग्रेस के कार्यालय लंबे अरसे से आवंटित थे। अब बसपा और कांग्रेस के कार्यालय को मिलाकर सपा कार्यालय को बड़ा कर दिया गया है। दोनों दलों को लोक दल, सुभासपा कार्यालय के पास केबिन आवंटित कर दिया गया है।
कार्यालय छीनने पर नाराजगी-
कार्यालय छीनने पर कांग्रेस और बसपा के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने कहा कि दोनों दलों के लिए ऑफिस बनाए जाएंगे। इस पर बसपा विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह ने कहा है कि इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर पार्टी के लिए कार्यालय आवंटित करने की मांग की जाएगी। फिलहाल पार्टी को एक छोटा केबिल दिया गया है। अध्यक्ष द्वारा कार्यालय देने का आश्वासन पूर्व में दिया गया था।
विधानसभा में कांग्रेस बसपा के कितने सदस्य-
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के दो सदस्य हैं। जबकि बसपा का एक सिर्फ एक ही सदस्य है। प्रदेश की 402 सदस्यीय विधानसभा में आराधना मिश्रा मोना व वीरेंद्र चौधरी कांग्रेस के सदस्य हैं जबकि जबकि उमा शंकर सिंह बसपा के सदस्य हैं।
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 26 November, 2023, 4:48 pm
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...