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मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था

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अयोध्या में भगवान राम की उनके नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत सीएम योगी ने वहां उपस्थित मेहमानों को संबोधित किया। सीएम योगी ने कहा कि 500 वर्षों के लबे अंतराल के बाद आज के इस चिरप्रतीक्षित मौके पर अंतर्मन में भावनाएं कुछ ऐसी हैं कि उन्हें व्यक्त करने को शब्द नहीं मिल रहे हैं। मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है। निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा ही अनुभव कर रहे होंगे। आज इस ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर भारत का हर नगर- हर ग्राम अयोध्याधाम है। हर मार्ग श्रीरामजन्मभूमि की ओर आ रहा है। हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगी है। हर जिह्वा राम-राम जप रही है। रोम रोम में राम रमे हैं। पूरा राष्ट्र राममय है। ऐसा लगता है हम त्रेतायुग में आ गए हैं।

अपने ही देश में अपने आराध्य के लिए इतने वर्षों तक लड़ी गई लड़ाई- 

आज रघुनन्दन राघव रामलला, हमारे हृदय के भावों से भरे संकल्‍प स्‍वरूप सिंहासन पर विराज रहे हैं। आज हर रामभक्त के हृदय में प्रसन्नता है, गर्व है और संतोष के भाव हैं। आखिर भारत को इसी दिन की तो प्रतीक्षा थी। भाव-विभोर कर देने वाली इस दिन की प्रतीक्षा में लगभग पांच शताब्दियां व्‍यतीत हो गईं, दर्जनों पीढ़ियां अधूरी कामना लिए इस धराधाम से साकेतधाम में लीन हो गईं, किन्‍तु प्रतीक्षा और संघर्ष का क्रम सतत जारी रहा। श्रीरामजन्मभूमि, संभवतः विश्व में पहला ऐसा अनूठा प्रकरण रहा होगा, जिसमें किसी राष्ट्र के बहुसंख्यक समाज ने अपने ही देश में अपने आराध्य के जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए इतने वर्षों तक और इतने स्तरों पर लड़ाई लड़ी हो। संन्यासियों, संतों, पुजारियों, नागाओं, निहंगों, बुद्धिजीवियों, राजनेताओं, वनवासियों सहित समाज के हर वर्ग ने जाति-पाति, विचार- दर्शन, उपासना पद्धति से ऊपर उठकर राम काज के लिए स्वयं का उत्सर्ग किया। अंततः आज वह शुभ अवसर आ ही गया कि जब कोटि-कोटि सनातनी आस्‍थावानों के त्‍याग और तप को पूर्णता प्राप्त हो रही है। आज संतोष इस बात का भी है कि मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था।

भाग्यवान है हमारी पीढ़ी, जो इस राम-काज की साक्षी बनी-

सीएम योगी ने कहा कि संकल्प और साधना की सिद्धि के लिए, हमारी प्रतीक्षा की समाप्ति के लिए, हमारे संकल्प पूर्णता के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हृदय से आभार और अभिनंदन। प्रधानमंत्री के 2014 में 'आगमन' के साथ ही भारतीय जनमानस कह उठा था...  मोरे जिय भरोस दृढ़ सोई।मिलिहहिं राम सगुन सुभ होई॥ अभी गर्भगृह में वैदिक विधि-विधान से रामलला के बाल विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा के हम सभी साक्षी बने। अलौकिक छवि है हमारे प्रभु की। बिल्कुल वैसे, जैसा संत तुलसीदास जी ने वर्णन किया है...नवकंज लोचन। कंज मुख। कर कंज। पद कन्जारुणम्।धन्य है वह शिल्पी, जिसने हमारे मन में बसे राम की छवि को मूर्त रूप प्रदान किया। विचारों और भावनाओं की विह्वलता के बीच मुझे पूज्य संतों और अपनी गुरु परम्परा का पुण्‍य स्‍मरण हो रहा है। आज उनकी आत्मा को असीम संतोष और आनन्द की अनुभूति हो रही होगी, जिन परम्पराओं की पीढ़ियां श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ में अपनी आहुति दे चुकी हैं, उनकी पावन स्मृति को यहां पर कोटि-कोटि नमन करता हूं।

श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति महायज्ञ न केवल सनातन आस्था व विश्वास की परीक्षा का काल रहा, बल्कि, संपूर्ण भारत को एकात्मकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्र की सामूहिक चेतना जागरण के ध्येय में भी सफल सिद्ध हुआ। सदियों के बाद भारत में हो रहे इस चिरप्रतिक्षित नवविहान को देख अयोध्या समेत भारत का वर्तमान आनन्दित हो उठा है।भाग्यवान है हमारी पीढ़ी, जो इस राम-काज के साक्षी बन रहे हैं और उससे भी बड़भागी हैं वो जिन्होंने सर्वस्व इस राम-काज के लिए समर्पित किया है और करते चले जा रहे हैं।

भारतीय समाज ने संयम बनाये रखा-

जिस अयोध्या को "अवनि की अमरावती" और "धरती का वैकुंठ" कहा गया, वह सदियों तक अभिशिप्त रही। उपेक्षित रही। सुनियोजित तिरस्कार झेलती रही। अपनी ही भूमि पर सनातन आस्था पददलित होती रही, चोटिल होती रही।राम का जीवन हमें संयम की शिक्षा देता है और भारतीय समाज ने संयम बनाये रखा, लेकिन हर एक नए दिन के साथ हमारा संकल्प और दृढ़ होता गया।और आज देखिए... पूरी दुनिया अयोध्या जी के वैभव को निहार रही है। हर कोई अयोध्या आने को आतुर है। आज अयोध्या में त्रेतायुगीन वैभव उतर आया है। दिख रहा है। यह धर्म नगरी 'विश्व की सांस्कृतिक राजधानी' के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है। पूरा विश्व दिव्य और भव्य अयोध्या का साक्षात्कार कर रहा है।आज जिस सुनियोजित एवं तीव्र गति से अयोध्यापुरी का विकास हो रहा है,वह प्रधानमंत्री जी के दृढ़संकल्प, इच्छाशक्ति एवं दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं था।

सीएम ने PM एवं भागवत को भेंट किया चांदी का मंदिर मॉडल- 

समारोह के पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत का स्वागत किया। सीएम ने दोनों अभ्यागतों को श्रीराम मंदिर का चांदी का मॉडल भेंट कर अयोध्या धाम की पावन धरा पर अभिनंदन किया।

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