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सीएम योगी ने प्रदेश को इस तकनीक में बनाया अव्वल, देश का पहला राज्य बना यूपी

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योगी सरकार पिछले साढ़े छह सालों से प्रदेश के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पहले के समय में देश के जिस राज्य को काफी पिछड़ा हुआ माना जाता था आज वह राज्य देश के प्रथम राज्यों में गिना जाता है। इन साढ़े छह सालों में सरकार ने प्रदेश में हर क्षेत्र को बढ़ावा दिया है और उनमें से ही एक डिजिटल तकनीक है। जिसकी मदद से अब प्रदेश की कार्यप्रणाली काफी बेहतर हो गई है और यूपी इस तकनीक में देश का अव्वल राज्य बन गया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश ने अब ऑनलाइन शिकायतों और उसके समाधान में सबसे अच्छा कदम उठाया है। जहां पहले आपको अपनी शिकायत पर सूचना आयोग से कोई उचित समाधान न मिलने पर बार-बार अपील के लिए कार्यालय तक दौड़ने की जरूरत थी, लेकिन अब आप घर बैठ अपनी शिकायतों को बता सकते हैं और उसका घर बैठे ही निवारण या निस्तारण पा सकते हैं। 

CM ने शिकायतों व अपीलों के लिए ऑनलाइन पोर्टल का किया शुभारंभ
आपको बता दे कि सीएम योगी ने शुक्रवार को आरटीआई भवन में राज्य सूचना आयोग की शिकायतों एवं द्वितीय अपीलों की ई-फाइलिंग एवं ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा के लिए ऑनलाइन पोर्टल (CATS-UPSIC) एवं मोबाइल ऐप (कंप्लेंट व अपील ट्रैकिंग सिस्टम-उ. प्र. स्टेट इन्फॉर्मेशन कमीशन) का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तकनीक किसी व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाने का सशक्त माध्यम बन सकती है। सीएम योगी ने कहा कि इस ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप के शुरू हो जाने से किसी भी व्यक्ति को अपनी शिकायतों के लिए राज्य सूचना आयोग के दफ्तर फिजिकली नहीं आना पड़ेगा। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसके सूचना आयोग के पास शिकायतों के निस्तारण के लिए अपना साफ्टवेयर और ऐप है।

2017 के पहले प्रदेश में खाद्यान्न का होता था घोटाला
इस दौरान सीएम योगी ने पिछली सरकारों के बारें में जिक्र करते हुए कहा कि 2017 के पहले प्रदेश में खाद्यान्न घोटाला होता था। जनपदों में गरीबों का खाद्यान्न पर डाका डाला जाता था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 80000 से अधिक राशन की उचित दर की दुकाने हैं। राज्य में हमारी सरकार बनते ही हमने राशन की सभी दुकानों पर एक साथ छापा मरवाया, जिसमें 30 लाख फर्जी राशन कार्ड मिले। जिनके नाम पर राशन तो निकलता था, लेकिन किसी जरूरतमंद को नहीं मिलता था। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली आज देश में सबसे उत्कृष्ट है। आज प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग राशन की उचित दर की दुकान से खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं। उन्हें बिना किसी घटतौली और देरी के खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है। इससे राज्य सरकार को प्रति वर्ष 1200 करोड़ रुपए की बचत हो रही है।

तीन वर्षों में 110000 से अधिक मामलों का हुआ निस्तारण 

सीएम योगी ने कहा कि पिछले तीन वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग द्वारा 110000 से अधिक मामलों का निस्तारण हुआ है। 85000 नए मामले सामने आए हैं। अगर तकनीकि का सही इस्तेमाल करते हुए बेहतर टीम वर्क के साथ कार्य किया गया तो आने वाले समय में सभी मामलों का निस्तारण समयबद्ध ढंग से हो जाएगा। साथ ही हम इसे जीरो पेंडेंसी तक पहुंचाने में सफल रहेंगे। उन्होंने कहा कि यही इस कानून की उपयोगिता है और यही एक नागरिक का अधिकार भी है, जो लोकतंत्र में एक सामान्य नागरिक को प्राप्त होना ही चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि ई हियरिंग आज समय की मांग है, लेकिन बाबू (क्लर्क) लोग इसे होने नहीं देंगे क्योंकि वह इन्हीं चीजों का दुरुपयोग करते हैं। हमें पूरी शक्ति के साथ इस दिशा में आगे बढ़ना पड़ेगा तभी एक सामान्य नागरिक का लोकतंत्र में विश्वास मजबूत होगा।

सीएम हेल्प लाइन से 1 साल में 22 लाख से अधिक मामलों का हुआ निस्तारण

सीएम योगी ने कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार बनी तो राजस्व विभाग में वरासत, नामांतरण और पैमाइश के 12 लाख मामले लंबित थे। हमने इस दिशा में मिशन मोड में कार्य करना शुरू किया और अगले दो महीने अंदर लाखों मामलों का निस्तारण हो गया। फिर इस दिशा में हमने आईजीआरएस पोर्टल विकसित किया, जिससे राजस्व विभाग से जुड़े मामलों के निस्तारण में तेजी आई। उन्होंने कहा कि आम जनमानस की समस्याओं के समाधान के लिए हमारी सरकार ने सीएम हेल्प लाइन 1076 शुरू की। इससे तीव्र गति से लोगों की समस्याओं का निस्तारण होने लगा। सीएम योगी ने कहा सिर्फ आईजीआरएस पोर्टल और सीएम हेल्प लाइन के माध्यम से 2017-18 में 22 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण करने में सफल रहे। इससे प्रदेश के लोगों की संतुष्टि का स्तर बढ़ा है। इसी से ईज ऑफ लिविंग का रास्ता भी प्रारंभ होता है। इस कार्यक्रम में राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त भावेश कुमार सिंह, प्रदेश के सूचना आयुक्त और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

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