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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शहीद हुए आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता को सीएम योगी ने सोशल मीडिया पर एक्स के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की है। साथ ही उन्होंने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद गुप्ता के नाम पर करने की भी घोषणा की है। सीएम ने अपने एक्स अकाउंट पर शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश सरकार इस दुःख की घड़ी में शोकाकुल परिजनों के साथ है। वहीं उम्मीद है कि पीएम मोदी के मथुरा दौरे के बाद सीएम योगी खुद शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के यहां शोक संवेदना व्यक्त करने जा सकते हैं।
शहादत की खबऱ मिलते ही पिता हुए बेसूध-
आपको बता दे कि आगरा के सपूत कैप्टन शुभम गुप्ता बुधवार को जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि कैप्टन शुभम गुप्ता नाइन पैरा में थे। धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में बुधवार को आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। इसी दौरान जंगल में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में दो कैप्टन 4 जवान शहीद को गए, जिन शहीदों में कैप्टन शुभम गुप्ता भी थे। उनके शहादत की खबऱ मिलने के बाद पूरा परिवार शोक में डूब गया। बुधवार शाम 7 बजे उनके पिता बसंत गुप्ता के पास फोन आया। फोन पर बेटे की शहादत की खबर सुनते ही हाथों से फोन छूट गया और वह बेसूध होकर बैठ गए।
शहीद कैप्टन के पिता ने एक बातचीत के दौरान बताया कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है। वह 25 नवंबर को घर आने वाला था। मगर इससे पहले उसकी शहादत की खबर आ गई। एक दो दिन पहले ही उसका फोन आया था। तब उसने कहा था कि पापा मैं एक बड़े मिशन पर जा रहा हूं। मिशन खत्म होते ही छोटे भाई का जन्मदिन साथ मनाएंगे, लेकिन वह वापस न आ सका। पहले सूचना थी कि आज शाम तक शुभम का पार्थिव शरीर आगरा आएंगे। लेकिन, फिर पता चला कि आज पार्थिव शरीर नहीं आ पाएंगा।
कई ऑपरेशन को दिया अंजाम-
मिली हुई जानकारी के मुताबिक, शुभम बचपन से जांबाज थे। उन्होंने सेंट जॉर्जिस इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की थी। इसके बाद 2015 में नेशनल डिफेंस एकेडमी में प्रवेश लिया। 2018 में उसे सेना में कमीशन मिला। उनका चयन सिग्नल कोर में हुआ था। मगर, उन्होंने परिवार को बिना बताए अपना कोर बदल दिया था। जब उन्होनें पैरा की ट्रेनिंग पूरी कर ली थी, इसके बाद भी नहीं बताया। उनके एक दोस्त ने बाद में उनके पिता को बताया था कि शुभम अब कमांडो फोर्स का हिस्सा है। उन्होंने सेना के कई ऑपरेशन को अंजाम दिया। उनकी पहली पोस्टिंग ऊधमपुर में थी।
6 माह पहले आए थे घर-
वहीं परिवार के सदस्यों ने बताया कि शुभम ने दिवाली पर वीडियो कॉल पर बात की थी। तब उन्होंने अगले सप्ताह आने की बात कही थी। अभी 6 माह पहले शुभम आगरा आए थे। वहीं उनके पिता ने बताया कि हम शुभम से शादी के लिए कहते थे, तो वह हमेशा कहता था कि पापा अभी एक बहुत बड़ा काम रह गया है। पहले उसे पूरा कर लूं। इसके बाद शादी करूंगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 23 November, 2023, 4:08 pm
Author Info : Baten UP Ki