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ब्यूरोक्रेसी पर BJP नेताओं ने उठाए सवाल, भ्रष्टाचार और अपराध में लिप्त अफसरों के लिए स्पेशल कोर्ट की मांग

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आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि उत्तर प्रदेश में सरकार अधिकारी चला रहे हैं। क्योंकि इसके आरोप बीजेपी के नेता लगाते रहते हैं कि उनकी सुनवाई अधिकारी नहीं कर रहे हैं। देखा जाए तो अब यूपी की ब्यूरोक्रेसी नेताओं के रडार पर चल रही है। ऐसा ही एक मुद्दा, विधानसभा के शीतकालीन सत्र में BJP के MLC विजय बहादुर पाठक ने उठाया है। उन्होंने प्रमुख सचिव विधान परिषद को पत्र लिखकर दागी अफसरों पर दर्ज मामलों को लेकर जांच और कार्रवाई के लिए चर्चा कराने की मांग की है। 

BJP के MLC ने लिखा पत्र-

आपको बता दें कि BJP के MLC विजय बहादुर पाठक ने 2017 में हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश का हवाला देते हुए पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा है कि "जिस तरीके से सांसदों और विधायकों से जुड़े आपराधिक भ्रष्टाचार और अन्य मामलों से संबंधित वादों की जल्दी सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय की स्थापना की गई है। वैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों के लंबित मामलों को जल्द निस्तारण के लिए कोई सुनिश्चित व्यवस्था,  दिशा निर्देश न होने से इस तरह के मामलों का सही से निस्तारण नहीं हो पा रहा है। 

आरोपों के घेरे में हैं कई वरिष्ठ प्रशासनिक- 

विजय बहादुर पाठक ने पत्र में लिखा है कि वर्तमान समय में कई ऐसे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं, जो अपराध, भ्रष्टाचार से लेकर महिला उत्पीड़न तक के मामले में लिप्त पाए गए हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ केवल जांच की कार्रवाई की जाती रही। कई लोगों पर, तो जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाई। ऐसे मामलों के लिए कोई व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे पीड़ित को न्याय मिल सके। पाठक ने कहा कि सांसद और विधायकों पर कानूनी कार्रवाई उनकी सदन की सदस्यता समाप्त होने के बाद भी उनके खिलाफ की गई। राजनीति में अपराधीकरण और भ्रष्टाचार को रोकने से संबंधित कई प्रकार के वैधानिक उपाय किए गए हैं, किंतु प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ ऐसे एक भी उपाय नहीं खोजे गए कि उनके सेवाकाल में ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सके। इसलिए इस पर चर्चा की मांग उन्होंने की है।

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