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साल 2023 की यूपी की बड़ी उपलब्धियां, जिन्होंने यूपी को बनाया चर्चित

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(Special Story) यूपी वार्षिकी 2023 में हम आपको उत्तर प्रदेश को मिली कुछ ख़ास सौगात और बड़ी उपलब्धियों से रूबरू करा रहें हैं जिसकी वजह से साल 2023 में हमारा यूपी चर्चा में रहा...

1- दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज ‘गंगा विलास’-
   
साल की शुरुआत में  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वाराणसी को एक बड़ी सौगात दी गई। उन्होंने 13 जनवरी को दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज 'एमवी गंगा विलास' को हरी झंडी दिखाई थी । इस क्रूज को साल 2018 से प्रमोट किया गया था और इसे 2020 में लॉन्च किया जाना था। लेकिन, कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हो गई। 13 जनवरी को 32 विदेशी मेहमानों को लेकर यह 3200 किलोमीटर वाली 52 दिन की यात्रा के लिए वाराणसी से निकला था। यह क्रूज भारत और बांग्लादेश के कुल 27 रिवर सिस्टम्स से होकर गुजरा। इनमें गंगा-भागीरथी-हुगली, ब्रह्मपुत्र और वेस्ट कोस्ट नहर भी शामिल थी । यह क्रूज पटना, कोलकाता, ढाका, धुबरी, गुवाहाटी और माजुली द्वीप से होते हुए गुजरा है। फ़िलहाल पर्यटन की द्रिष्टि से यह क्रूज यूपी ही नहीं बल्कि की भारत के लिए भी एक महान उपलब्धि है।

2- उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023-

उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 यह भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से जुड़ी एक पहल थी ।जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले 5 वर्षों में राज्य को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा था । इस यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन 10 फरवरी 2023 को  पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया  था। इस समिट के समापन के दौरान सीएम योगी ने राज्य को मिलने वाले लाभ के बारे में बताया था।  उन्होंने कहा था की उत्तर प्रदेश के वैश्विक निवेश महाकुंभ को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नई ऊंचाई मिली है। वैश्विक मंच पर उत्तर प्रदेश की ओर लोगों का आकर्षण बना, प्राचीन नगरी काशी, रामलला की जन्मभूमि अयोध्या, कृष्ण जी की जन्मभूमि मथुरा, गंगा-यमुना का क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है. बता दे की निवेश के इस वैश्विक महाकुंभ में उत्तर प्रदेश को 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले थे। 

3- उत्तर प्रदेश फिल्म नीति-2023 को मिली मंजूरी-

इस साल उत्तर प्रदेश सरकार ने कई तरह की नई नीतियों को मंजूरी दी है। जिसमे राज्य फिल्म नीति 2023 भी शामिल है । योगी आदित्यनाथ ने तय किया कि नई फिल्म नीति नोएडा में बनने वाली फिल्म सिटी में बनने वाली फिल्मों पर भी लागू होगी। सरकार के मुताबिक, अगर फिल्में अवधी, ब्रज, बुंदेली या भोजपुरी में बनाई जाती हैं तो इस नीति में लागत के 50 फीसदी की सब्सिडी का प्रावधान है। अंग्रेजी, हिंदी या अन्य भाषाओं में बनी फिल्मों के लिए फिल्म निर्माण की लागत का 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। राज्य में स्टूडियो या लैब आदि स्थापित करने के लिए 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।

4-सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी बनेगा नया विधानभवन-

दिल्ली में नए संसद भवन की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी नए विधान भवन का निर्माण कराने का फैसला इस वर्ष  लिया गया है। भविष्य  में होने वाले परिसीमन को देखते हुए वर्तमान में यूपी विधानभवन काफी छोटा साबित हो सकता है ऐसे में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी  इस साल दिल्ली की तरह यूपी में भी नए विधानभवन को बनाने की तैयारी कर ली  है। यूपी में नए विधानभवन को बनाने में करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि नए विधानभवन का निर्माण कार्य साल 2027 तक कराए जाने की कोशिश की जाएगी। योगी सरकार का लक्ष्य है कि 18वीं विधानसभा के कम से कम एक सत्र का आयोजन नए भवन में हो। बता दें की  मौजूदा भवन का उद्घाटन 1928 में हुआ था, लेकिन अब जनसंख्या के हिसाब से हालात काफी बदल गए हैं. सेंट्रल विस्टा की तरह नया विधानभवन भी आधुनिक सुविधाओं और लेटेस्ट तकनीक से लेस होगा. इस भवन का निर्माण भी इस आधार पर होगा कि इसमें यूपी की संस्कृति की झलक मिले और जो पूरे देश में मिसाल भी बन सके।  

5- नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी को कैबिनेट में मिली मंज़ूरी-

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस साल कैब‍िनेट मीटिंग के दौरान उत्तर प्रदेश की नई वाहन स्‍क्रैप नीति को मंजूरी दी थी। इसके तहत 15 साल से पुराने कमर्शियल  और नॉन कमर्शियल  वाहनों को स्‍क्रैप कराने पर बकाया टैक्‍स में छूट देने की बात कही गई है। इसके अनुसार साल 2003 से पहले यूपी में रजिस्‍टर हुए सभी कैटिगरी के वाहनों पर बकाया करों में 75 पर्सेंट तक की छूट की बात कही गई थी। कैबिनेट बैठक में यूपी परिवहन विभाग के इस प्रस्‍ताव को हरी झंडी भी दिखा दी गई है । यह छूट अधिसूचना जारी होने की तिथि से एक साल के लिए मान्‍य होगी। इसके तहत साल 2003 में या इसके बाद और साल 2008 से पहले राज्‍य में पंजीकृत हुए सभी कैटिगरी के वाहनों पर 50 पर्सेंट की छूट होगी।

6- देश के पहले रोपवे ट्रांसपोर्ट के लिये मंज़ूरी-

इस साल  देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे को धरातल पर उतारने के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया। दरअसल, वाराणसी के एक पर्यटक स्थल होने के कारण यहां अक्सर भीड़ भाड़ देखने को मिलती  है। बनारस के पुराने इलाकों की सड़कें आज भी संकरी और छोटी हैं जिसके कारण ज्यादा ट्रैफिक होने की वजह से यहां अक्सर जाम  की स्थिति बनी रहती है। इस रोपवे के बनने के बाद यहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटको को भी काफी फायदा होगा भीड़भाड़ वाले इलाकों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए सभी लोग इस रोपवे का इस्तेमाल करेंगे।इस रोप वे की लम्बाई कुल  लंबाई 3.75 किलोमीटर रखी गई है जिसपर कुल 461 करोड़ रूपये की धनराशि खर्च की गई।  यह ख़ास रोप वे 30 टावरों  से होकर  गुजरेगा जिसके लिए पाँच स्टेशन भी बनाए गए है।  बता दें की इसका पहला स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन परिसर में और  गोदौलिया चौराहे पर अंतिम स्टेशन बनाया गया है। 

7-चार परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान निकोबार के द्वीप-

वर्ष 2023 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती पर  पराक्रम दिवस के कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के जिन 21  द्वीपों को परमवीर चक्र विजेताओं का नाम दिया था , उन वीरों में चार उत्तरप्रदेश से थे। परमवीर चक्र से सम्मानित मानद कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव बुलंदशहर के रहने वाले थे. कारगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल्स में कब्जा जमाने में उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया था. शाहजहांपुर के रहने वाले नायक जदुनाथ सिंह भी परमवीर चक्र से सम्मानित हैं। 6 फरवरी 1948 को जम्मू कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे भागने पर मजबूर कर दिया था . इस दौरान उन्हें सिर पर गोली लगी और वह शहीद हो गए. कारगिल युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाले परमवीर चक्र विजेता सीतापुर जिले के मनोज पांडे के नाम से भी द्वीप का नामकरण किया गया है. गाजीपुर में जन्में परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के नाम से हमीद द्वीप नामकरण किया गया है।

8-सबसे ज्यादा समय तक यूपी के सीएम रहने वाले बने योगी -

1 मार्च, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार सबसे ज्यादा समय तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यकालपूरा करने का नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। योगी आदित्यनाथ ने कार्यालय में 5 साल और 347 दिन पूरे किये और कॉन्ग्रेस के डॉ. संपूर्णानंदको पीछे छोड़ दिया, जो 1954 से 1960 तक 5 साल और 345 दिनों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे।सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार 5 साल 4 दिन तक यूपी के सीएम रहे हैं. बसपा प्रमुख मायावती लगातार 4 साल 307 दिन यूपी की सीएम रही हैं. मायावती चार बार प्रदेश की सीएम बनी हैं. मुलायम सिंह यादव लगातार 3 साल 257 दिन तक सीएम रहे हैं.बता दें कि सीएम योगी यूपी में ऐसे नेताओं में हैं जिनके नेतृ्त्व में किसी एक पार्टी की लगातार दूसरी बार सरकार बनाई है. 2022 के विधानसभा चुनाव में फिर से बीजेपी की लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार सत्ता में आई और वे दोबारा सीएम बने. योगी बीजेपी के प्रदेश के ऐसे सीएम हैं जो लगातार पांच साल तक सत्ता संभाल चुके हैं. इसके पहले कोई भी बीजेपी नेता लगातार पांच साल तक यूपी का सीएम नहीं रहा है. योगी के अलावा गोविंद बल्लभ पंत, मायावती और अखिलेश यादव ही लगातार पांच साल तक यूपी के सीएम रहे हैं. दूसरा कोई नेता पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है।

9-बनारसी पान, बनारसी लंगड़ा आम सहित कई को मिला GI Tag-

 इस साल यूपी के 11 कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिला है, जिसमें अब बनारसी पान, लंगड़ा आम, रामनगर भंटा और आदमचीनी चावल का नाम भी जुड़ चुका है.भारत के तमाम देसी उत्पाद पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम कर रहे हैं। विशेष स्थान से ताल्लुक रखने वाले उत्पादों को अब जीआई टैग (GI Tag) दिया जाने लगा है. इससे लोकल लेवल पर रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में भी काफी मदद मिलती है. इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश के 4 कृषि उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किया गया है. इनमें मशहूर बनारसी पान, बनारस का लंगड़ा आम, रामनगर भंटा और आदमचीनी चावल का नाम शामिल है. इस साल यूपी  में 11 जीआई टैग दिए चुके हैं. उत्तर प्रदेश कुल 45 जीआई टैग उत्पादों को रजिस्टर करवा चूका है, जबकि इनमें से सबसे ज्यादा 22 उत्पाद अकेले काशी से ताल्लुक रखते हैं।  बता दे की किसी विशेष स्थान से ताल्लुक रखने वाले लोकल प्रोडक्ट, जो अपनी खूबियों से दुनियाभर में एक विशेष पहचान बना लेते हैं, उन्हें प्रमाणीकरण प्रदान करने के लिए एक विशेष प्रोसेस फॉलो की जाती है. जब उत्पाद का सत्यापन हो जाता है तो उस भौगोलिक सांकेतिक टैग यानी जीआई टैग (Geographical Indication Tag) प्रदान कर दिया जाता है. जीआई टैग के तहत रजिस्टर उत्पादों की डिमांड भी दुनिया बढ़ने लगती है और लोकल लेवल पर रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं।

10- गरीबी कम करने में यूपी रहा अव्वल-

जुलाई वर्ष 2023 में नीति आयोग की ओर से जारी की गई राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार गरीबी कम करने के मामले में उत्तर प्रदेश सभी राज्यों में अव्वल रहा है।   यह सूचकांक स्वास्थ्य शिक्षा और जीवन स्तर से जुड़े कुल 12 मानकों पर आधारित होता  हैं। माना जा रहा है कि बहुआयामी गरीबी में कमी लाने में केंद्र और राज्य सरकारों की गरीब कल्याण योजनाओं की बड़ी भूमिका है। आंकड़ों के अनुसार  उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-21 की समयावधि में 3.43 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी की गिरफ्त से बाहर आए हैं। प्रदेश में 2015-16 में जहां 37.68% लोग गरीबी के दायरे में थे, वहीं 2019-21 में उनकी संख्या घटकर 22.93% रह गई।नगरीय क्षेत्रों की तुलना में गरीबी ग्रामीण इलाकों में अधिक तेजी से कम हई है। राज्य के ग्रामीण इलाके में 2015-16 में जहां 44.29% लोग बहुआयामी गरीबी के दायरे में थे, वहीं 2019-21 में उनकी संख्या घट कर 26.35% रह गई। वहीं 2015-16 में नगरीय क्षेत्रों में 17.72% लोग गरीबी के चंगुल में फंसे थे जिनकी संख्या 2019-21 में घटकर 11.57% रह गई है।गरीबी घटाने वाले जिलों की बात की जाए तो इसमें उत्तर प्रदेश में महाराजगंज- 29.64 फीसदी की कमी के साथ नंबर एक पर, गोंडा- 29.55 फीसदी कमी के साथ दूसरे नंबर पर, बलरामपुर- 27.90 फीसदी कमी के साथ तीसरे नंबर पर, कौशाम्बी- 25.75 फीसदी कमी के साथ चौथे स्थान पर, खीरी-25.33 फीसदी कमी के साथ पांचवे स्थान पर, श्रावस्ती- 24.42 फीसदी कमी के साथ छठे स्थान पर, सातवें स्थान पर बस्ती- 23.36 फीसदी कमी इसके बाद गाजीपुर- 22.83, कुशीनगर- 22.28 और चित्रकूट- 21.40 का नंबर रहा।  तो यह था हमारा यूपी वार्षिकी 2023 जिसमें हमने उत्तर प्रदेश की कुछ बड़ी उपलब्धियों का किया है, जिसकी वजह से साल भर हमारा यूपी चर्चा में रहा है।

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