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यूपी में छोटे-छोटे होटल खोलने वालों के लिए अच्छा मौका, अब सरकार ने किए नियमों में कई बदलाव

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने छोटे होटलों के संचालन को सरल बनाने के उद्देश्य से नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह निर्णय राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसरों को सृजित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

लाइसेंस लेने के लिए कम की गई दस्तावेजों की संख्या-

नए नियमों के तहत, छोटे होटलों के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बना दिया गया है। अब होटलों को विभिन्न विभागों से अलग-अलग अनुमतियों की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से सभी अनुमतियाँ प्राप्त की जा सकेंगी। इसके अलावा, लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की संख्या भी कम कर दी गई है।

राज्य की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत-

सरकार का कहना है कि इन परिवर्तनों से न केवल होटलों की स्थापना और संचालन में आसानी होगी, बल्कि इससे राज्य के छोटे और मध्यम उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन नए नियमों के लागू होने से छोटे होटलों की संख्या में वृद्धि की संभावना है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

 होटल मालिकों की ओर से मिल रही है सकारात्मक प्रतिक्रिया-

योगी सरकार की इस पहल को पर्यटन उद्योग और होटल मालिकों की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। कई होटल मालिकों का मानना है कि इस कदम से उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिलेगी और राज्य में पर्यटन को नई ऊँचाइयाँ छूने का मौका मिलेगा।

यूपी में बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या-

इस नए नियम के परिवर्तन से उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में अधिक पर्यटक आएंगे और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का आनंद ले सकेंगे। सरकार ने इस दिशा में और भी सुधारों की योजना बनाई है, ताकि उत्तर प्रदेश को देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल किया जा सके। योगी सरकार का यह कदम न केवल राज्य की पर्यटन नीति को मजबूत करेगा, बल्कि स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा।

भवन की ऊंचाई को लेकर बरती गई ढील-

प्रदेश में पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए होटल इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने के लिए योगी सरकार ने पहल की है। अब छोटे होटल खोलना और आसान होगा। आवास विभाग ने इसके लिए नियमों को शिथिल कर दिया है। छह कमरों से 20 कमरों तक के होटल खोलने के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल की बाध्यता नहीं होगी। आवासीय क्षेत्रों में यह नौ मीटर चौड़ाई वाली सड़क पर खोला जा सकेगा। पहले 20 कमरों से अधिक का होटल के निर्माण के लिए कम से कम एक हजार वर्ग मीटर जमीन होना अनिवार्य था लेकिन अब न्यूनतम 500 वर्ग मीटर जमीन की ही आवश्यकता होगी। भवन की ऊंचाई को लेकर भी ढील बरती गई है।

आवासीय क्षेत्र में बनाए जा सकेंगे होटल-

अब आवासीय क्षेत्र में 12 मीटर चौड़ी सड़क पर ऐसे होटल बनाए जा सकेंगे। गैर आवासीय क्षेत्रों में सभी तरह के होटल बनाने के लिए सड़क की चौड़ाई 12 मीटर होना जरूरी है।

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