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यूपी के 90 हजार गांवो का ड्रोन से किया जा रहा है सर्वे, इस योजना के तहत हो रहा काम

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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। इसके तहत सितंबर 2024 तक 90 हजार गांवों की 'घरौनी' (संपत्ति के दस्तावेज) तैयार की जाएगी। इस कार्य के लिए ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया तेज और सटीक हो रही है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष डा. रजनीश दुबे ने बताया कि प्रदेश के 63 हजार गांवों में अब तक 88 लाख घरौनियां तैयार की जा चुकी हैं। प्रदेश के सभी 90 हजार 573 गांवों की घरौनी सिंतबर तक तैयार कर ली जाएंगी।

सितंबर तक पूरा हो जाएगा काम-

राजस्व परिषद में सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक डीएन पाठक के साथ ड्रोन सर्वे से घरौनी तैयार करने को लेकर एक बैठक हुई। इसमें बताया गया कि मंगलवार से सर्वे के लिए ड्रोन की उड़ान फिर से शुरू कर दी गई है। इस सर्वे के लिए चार टीमें बनाई गई हैं: लखनऊ में अमित कुमार, गोरखपुर में राहुल, वाराणसी में विकास श्रीवास्तव, और बरेली में अमित मौर्य की देखरेख में टीमें कार्यरत हैं। हरदोई और सहारनपुर में सर्वे ऑफ इंडिया से संबद्ध कंपनियों की एक-एक ड्रोन टीमों ने मंगलवार से काम शुरू कर दिया है। जल्द ही, इन कंपनियों द्वारा तीन-तीन और टीमें लगाई जाएंगी। इस प्रकार, कुल 10 टीमों द्वारा प्रदेश के शेष 43 जिलों में ड्रोन रिफ्लाइंग का काम सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। 

घरौनी योजना क्या है?

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत 24 अप्रैल 2020 में की गई थी, यूपी में इस योजना को ही घरौनी योजना के नाम से प्रचारित किया जा रहा है। इस योजना के तहत ग्रामीण अपनी जमीन का मालिकाना हक प्राप्त कर सकेंगे यानि घरौनी प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना की अवधि 2021 से बढ़ाकर वर्ष 2025 तक कर दी गई है। साथ ही साढ़े छह लाख ग्रामीणों को इस योजना में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार की ओर से पीएम स्वामित्व योजना का संचालन देशभर में किया जा रहा है। इसके तहत लोगों को उनके आवास का मालिकाना हक प्रदान किया गया है। इसी तर्ज पर यूपी सरकार की ओर से घरौनी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत हर मकान का यूनिक आईडी नंबर दर्ज होगा। यह आईडी नंबर 13 अंकों का होगा। इसमें पहले छह अंक गांव के कोड को दर्शाएंगे। 

क्या है ड्रोन सर्वे का महत्व?

ड्रोन तकनीक के माध्यम से किए जा रहे सर्वेक्षण से न केवल संपत्ति का सटीक मानचित्रण हो रहा है, बल्कि यह कार्य पहले की तुलना में अधिक तेजी से पूरा हो रहा है। ड्रोन से ली गई उच्च-रिज़ॉल्यूशन की तस्वीरों से भूमि के स्वामित्व, सीमा और उपयोग की विस्तृत जानकारी प्राप्त हो रही है। यह तकनीक पारंपरिक सर्वेक्षण विधियों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और कुशल है।

घरौनी योजना से क्या होगा लाभ?

घरौनी योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे प्रदेश के भू-माफियाओं पर लगाम लगेगी और ग्रामीणों की जमीन पर कोई कब्जा भी नहीं कर पाएगा। अक्सर देखा गया है कि गांवों में जमीनी विवाद के चलते लड़ाई-झगड़े की घटनाएं होती हैं, लेकिन इस योजना से इन जमीनी विवादों पर लगाम लगेगी और जमीन के मालिक को अपना मालिकाना हक मिल सकेगा। यह योजना ऑनलाइन है। आप स्वयं भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।

गांवों में विकास की नई उम्मीद-

उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम से गांवों में विकास की नई उम्मीदें जाग रही हैं। संपत्ति के सटीक दस्तावेज उपलब्ध होने से ग्रामीणों को बैंक ऋण, संपत्ति के विवादों के समाधान और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता और विकास को बढ़ावा मिलेगा।

सरकारी योजनाओं का लाभ-

संपत्ति के दस्तावेज तैयार होने से ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन और भी सुगम हो जाएगा। जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, और अन्य विकास योजनाओं का लाभ गांवों तक पहुंचाना संभव होगा। इसके अलावा, संपत्ति के रिकॉर्ड सही होने से जमीन के विवादों में भी कमी आएगी और ग्रामीण क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बढ़ेगी।

क्या है भविष्य की योजनाएं? 

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि इस पहल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी गांवों में संपत्ति के दस्तावेज को अद्यतन किया जाए। इसके बाद, सरकार इन दस्तावेजों को डिजिटल रूप में भी उपलब्ध कराने की योजना बना रही है, जिससे ग्रामीणों को अपने संपत्ति संबंधी कार्य ऑनलाइन निपटाने की सुविधा मिलेगी। यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में मदद करेगी। ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग न केवल इस कार्य को तेज बनाएगा बल्कि इसे पारदर्शी और सटीक भी बनाएगा। इस पहल से ग्रामीण जनता को बहुत लाभ होगा और उनकी संपत्ति संबंधी सभी समस्याओं का समाधान होगा। राज्य सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए, गांवों के लोग इसे एक सकारात्मक परिवर्तन के रूप में देख रहे हैं।

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