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69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने की BJP मुख्यालय घेरने की कोशिश, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

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यूपी की राजधानी लखनऊ में शिक्षक अभ्यर्थियों ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले के संबंध में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने बीजेपी मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। भर्ती में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी न्याय दिए जाने की मांग कर रहे थे। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बलपूर्वक सभी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को बस में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया। 

अभ्यर्थियों की ये है मांग-

शिक्षक अभ्यर्थी राजेश चौधरी के मुताबिक भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है और आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी पिछले 3 साल से हाई कोर्ट में अपने न्याय के लिए याचिका दायर कर कोर्ट में लड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें आज तक न्याय नहीं मिल पा रहा है। इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन किया गया है। उन्होंने बताया कि ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 27% की जगह मात्र 3.86% तथा एससी वर्ग को 21 की जहर सिर्फ 16.2% ही आरक्षण दिया गया है। 

शिक्षा मंत्री के घर का किया था घेराव-

आपको बता दें कि शुक्रवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पर इन अभ्यर्थियों के द्वारा धरना देने की कोशिश की गई थी। नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को हटाने के दौरान पुलिस से उनकी नोकझोंक व धक्कामुक्की भी हुई थी। खींचतान व धक्कामुक्की में गर्भवती अभ्यर्थी रमा यादव बेहोश हो गईं थी। वहीं एक महिला अभ्यर्थी के कपड़े पट गए थे। पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को जबरन बस में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया था।

क्या है पूरा मामला विस्तार से जानिए-

आपको बता दें कि 5 जनवरी 2022 को 6,800 अभ्यर्थियों की लिस्ट निकली थी। उस लिस्ट के सामने आते ही टीचरों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था और मामला कोर्ट तक चला गया। अब उसी कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटिगरी, सबकैटिगरी सहित ओबीसी -एससी वर्ग का पूरा 27% और 21%आरक्षण स्पष्ट तरीके से दिखाया जाए।  तीन साल के धरना प्रदर्शन के बाद याचिकाकर्ताओं को ये राहत मिल रही है। 14 मार्च 2023 को यूपी के 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट फिर बनाने को कहा  गया है। कोर्ट ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की लिस्ट को गलत माना है। जोर देकर कहा गया है कि 19 हजार से अधिक सीटों पर आरक्षण में विसंगतियां पाई गई हैं। हाई कोर्ट ने सरकार को 3 महीने में पूरी लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की तमाम दलीलों को कोर्ट ने स्वीकार किया है और फिर लिस्ट बनाने के आदेश दिए हैं। बड़ी बात ये है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने माना है कि भर्ती के दौरान आरक्षण का घोटाला हुआ है। 

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