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आजमगढ़ जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यक्रम में एक महिला को मंच पर आकर बोलने का मौका दिया। इस दौरान जब महिला ने ऑफिसरों की पोल खोलनी शुरु की तो सभी अधिकारी कुर्सी से उठकर खड़े हो गए। महिला ने अपने परिवार की परेशानियों का जिक्र करते हुए आवास की समस्या उठाई। उसने कहा कि अधिकारी उसे आवास के लायक ही नहीं समझते हैं।
सीएम मंच पर महिला को दिया बोलने का मौका-
आपको बता दे कि आजमगढ़ में गुरुवार को सीएम योगी ने निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत चयनित की गई महिला को स्टेज पर आकर कुछ बोलने को कहा। इस दौरान जहानागंज विकास खंड क्षेत्र के सोनापुर गांव निवासी उर्मिला देवी ने मुख्यमंत्री के समक्ष स्टेज पर आकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उसके पति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके बाद वह अकेली रह गई हैं। उसके घर आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। गृहस्थी चलाने और परिवार के भरण पोषण के लिए वर्ष 2020 उसने स्वयं सहायता समूह का गठन किया। इसके बाद वर्ष 2021 में सामुदायिक शौचालय की देखरेख का काम मिला। इसके एवज में उसे छह हजार रुपये प्रति माह मिलने लगे। इसी से वह अपने बच्चों व सास की देखभाल करती है और उसे एक हजार रुपये पेंशन भी मिलती है, लेकिन अभी तक आवास नहीं मिला।
अधिकारियों पर लगाया सुनवाई न करने का आरोप-
उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने प्रधान से लेकर अधिकारियों तक को पत्र लिखा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद महिला ने मुख्यमंत्री के सामने ही अधिकारियों को लेकर बताया कि अधिकारी कहते हैं कि तुम आवास के लायक नहीं हो। महिला की बात सुनकर अधिकारियों के चेहरे उतर गए और वह कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए। इसके बाद आनन-फानन में मंच पर सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ को बुलाया गया।
क्या मिल पाएगा महिला को न्याय-
इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने महिला के हौसले की खूब सराहना की। अब देखना है कि मुख्यमंत्री के सामने गुहार लगाने के बाद क्या निराश्रित महिला को आवास मिल पाता है या नहीं? बता दे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा से ही गरीबों और जरूरतमंदों के लिए काम किया है। ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि वह महिला की समस्या को गंभीरता से लेंगे और उसे आवास दिलाने में मदद करेंगे।
लेखिका- अनीता