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महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव के प्रतीक और उनके अद्भुत गुणों को मान्यता देने के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व विशेष रूप से भगवान शिव के प्राकट्य और उनके विवाह से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस दिन भक्त विशेष रूप से व्रत, उपवास, मंत्रजाप और रात्रि जागरण में सम्मिलित होते हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व और शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि इस वर्ष 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी, और यह फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को आएगी।
भद्रासाया और जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त
इस बार महाशिवरात्रि पर भद्रासाया का प्रभाव रहेगा, लेकिन ज्योतिष के अनुसार इसका असर पाताल लोक में ही रहेगा, इसलिए भूतल पर इसका कोई असर नहीं होगा।
जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त:
26 फरवरी को दिन के प्रत्येक पहर में जलाभिषेक के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।
• सुबह (06:47 से 09:42)
• दोपहर (11:06 से 12:35)
• शाम (03:25 से 06:08)
• रात (08:54 से 12:01) तक शिवलिंग पर जल अर्पण कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के व्रत और उपवास का महत्व
महाशिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से पुण्य लाभ प्रदान करता है। इस दिन शिवजी की उपासना से मनुष्य की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। शिवजी के मंत्रों का जाप, उपवास और रात्रि जागरण से आत्मा को शांति और शक्ति मिलती है।
रात्रि जागरण का महत्व
इस दिन रात्रि भर जागरण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। शिव के मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और आत्मा का शुद्धिकरण होता है। जागरण के दौरान भगवान शिव की भक्ति में लीन रहना, उनके अद्भुत गुणों का स्मरण करना और उनके दर्शन प्राप्त करना हमारे जीवन को आलोकित करता है।
शिव के साथ एक दिव्य यात्रा का अनुभव करें
इस महाशिवरात्रि को भगवान शिव के दर्शन और पूजा से अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद से भरपूर करें। यह दिन आपके जीवन के सभी कष्टों को हरते हुए, आपको समृद्धि, शांति और सुख की ओर ले जाएगा।
महाशिवरात्रि के दिन शिव के साथ जुड़कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन में एक नई राह पर चलें। इस दिन की विशेष पूजा, व्रत और रात्रि जागरण से आपको मिलेगी दिव्य शक्ति और आपके जीवन में समृद्धि का आगमन होगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 25 February, 2025, 8:05 pm
Author Info : Baten UP Ki