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विश्व रेबीज दिवस आज, लखनऊ में हर रोज 200 से ज्यादा लोगों को काट रहे हैं कुत्ते, इनमें से 30 फीसदी बच्चे

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हर साल 28 सितंबर को 'विश्व रेबीज दिवस' मनाया जाता है। यह खास दिन लोगों को जानलेवा बीमारी रेबीज से बचने के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। रेबीज कुत्ता, बिल्ली और बंदर के काटने से फैलने वाली बीमारी है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रोजाना 200 से ज्यादा लोगों को कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए आने वाले लोगों में से करीब 30 फीसदी बच्चे होते हैं। कुत्ते की लार में  मौजूद रेबीज वायरस से हाइड्रोफोबिया हो सकता है। यह एक लाइलाज बीमारी है  और  इसकी वजह से मरीज की मौत तक हो सकती है।


सालभर में 14348 लोगों को लगे रैबीज इंजेक्शन-

राजधानी के सरकारी अस्पतालों में अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक 14348 लोगों को रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए हैं।  इनमें से ज्यादातर इंजेक्शन बलरामपुर अस्पताल में लगवाए गए हैं। प्रतिदिन की बात करें तो बलरामपुर में करीब 150 लोग और बाकी अस्पतालों में कुल मिलाकर 50 इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इंजेक्शन लगवाने आने वालों में ज्यादातर पुराने लखनऊ चौक, चौपटिया, नक्खास, मौलवीगंज, सआदतगंज, ऐशबाग, कैसरबाग, रकाबगंज, ठाकुरगंज, सदर, डालीगंज आदि इलाके के लोग होते हैं। सरकारी अस्पताल में ये इंजेक्शन निशुल्क हैं जबकि निजी अस्पतालों में इसके लिए  350 से 500 रुपये तक की फीस ली जाती है। 

72 घंटे के भीतर इंजेक्शन लगवाना जरूरी-

लखनऊ केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी हिमांशु के मुताबिक अगर किसी भी व्यक्ति को रेबीज संक्रमित कुत्ता या किसी और जानवर ने काट लिया और उसने 72 घंटे को भीतर अपना इलाज नहीं करवाया तो उसके बाद वैक्सीन या एआरवी का टीका लगवाने का कोई फायदा नहीं है। 

संक्रमित व्यक्ति को पानी से लगता है डर-

रेबीज वायरस से संक्रमण के बाद व्यक्ति का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। इसकी वजह से व्यक्ति या दो जल्द ही कोमा में चला जाता है या उसकी मौत हो जाती है।  कभी-कभी उसे पानी से भी डर लगने लगता है।

बच्चों को बताएं, कुत्ता काटने को न छिपाएं-

अभी हालही में गाजियाबाद में एक बच्चे के दर्दनांक घटना घटी थी जिसमें बच्चे को कुत्ते ने काटा था लेकिन उसने डर के मारे घर पर नहीं बताया था। बाद में रैबीज के संक्रमण से उसकी दर्दनांक मौक उसके पिता के हाथों में हो गई थी। इसलिए अभिभावकों को अपने बच्चे को जागरूक करना जरूरी है। अगर कहीं उनको कुत्ता, बिल्ली या बंदर काट ले तो घरवालों को तुरंत बताएं।

रेबीज के संक्रमण के लक्षण-

रेबीज का संक्रमण फैलने पर व्यक्ति को पानी से डर लगना, बुखार आना, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, चिंता, भ्रम  की स्थिति खाना-पानी निगलने में कठिनाई, लार निकलना, अनिद्रा, लकवा मार जाना आदि इसके लक्षण हैं।

जानवर के काटने पर क्या करें-

अगर कहीं आपको कुत्ता बिल्ली या बंदर काट ले तो काटे हुए स्थान को कम से कम 10 से 15 मिनट तक साबुन या डेटॉल से साफ करें उसके बाद जितना जल्दी हो सके वैक्सीन या एआरवी का टीका लगवाएं। क्योंकि 72 घंटे के बाद में वैक्सीन या टीका असरदार नहीं होता है। इसलिए लापरवाही कतई न बरतें।

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