बड़ी खबरें

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को समन जारी, 2024 विधानसभा चुनाव में जीत को दी गई है चुनौती 17 घंटे पहले वक्फ कानून पर 'सुप्रीम' सुनवाई: सरकार को जवाब देने के लिए सात दिन का समय, अगली तारीख तक यथास्थिति बनी रहेगी 17 घंटे पहले तमिलनाडु के मंदिरों में चढ़ा 1,000 किलो सोना पिघलाया गया, छड़ों में बदलकर किया गया निवेश 17 घंटे पहले लखनऊ में शाम को बदला मौसम:धूल भरी आंधी आई; शहर के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी, बादल छाए 17 घंटे पहले

यूपी में गहरा सकता है बिजली संकट, छह इकाइयों में उत्पादन हुआ ठप

Blog Image

बारिश के मौसम के बाद अब फिर से गर्मी शुरू हो गई है ऐसे में बुरी खबर सामने आई है जिसके चलते यूपी की जनता को बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश में छह बिजली उत्पादन इकाइयां ठप हो गई हैं। इससे 1937 मेगावाट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। इन इकाइयों में उत्पादन ठप होने की वजह तकनीकी खामी बताई जा रही है।

किन इकाइयों में उत्पादन हुआ ठप-

आपको बता दें कि प्रदेश में पिछले सप्ताह चार विद्युत उत्पादन इकाई ठप हो गई थीं। इस बार छह उत्पादन इकाई ठप हुई हैं। इसमें टांडा की दो यूनिटों से 220 मेगावाट, मेजा से 528 मेगावाट, रिहंद से 189  मेगावाट , अनपरा की दो यूनिटों से एक हजार मेगावाट बिजली पावर कॉरपोरेशन को मिलती थी। इसमें टांडा की एक और मेजा की एक यूनिट आज से शुरू हो सकती है। जबकि रिहंद और अनपरा की उत्पादन इकाइयां 29 अगस्त तक शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।

पिछले हफ्ते इन इकाई में ठप हुआ था उत्पादन-

मेजा की उत्पादन इकाई नंबर 2 में 15 अगस्त के बाद से 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन बंद हुआ था। अनपरा बीटीएस की यूनिट नंबर 4 में 17 अगस्त से 500 मेगावाट उत्पादन ठप था। ललितपुर की 660 मेगावाट यूनिट नंबर 2 में 18 अगस्त से उत्पादन ठप हुआ था। इस यूनिट को तकनीकी कार्यों से बंद किया गया था। हरदुआ की यूनिट नंबर 7 से 105 मेगावाट का उत्पादन 20 अगस्त से बंद था। यहां कोयले की गुणवत्ता प्रभावित किए जाने पर उत्पादन रोका गया है। इस तरह प्रदेश में 1925 मेगावाट कम बिजली उत्पादन हो रहा था। 

तकनीकी कारणों से बंद हुआ उत्पादन-

पावर कॉरपोरेशन की ओर से उत्पादन इकाइयों के ठप होने की वजह तकनीकी खामी (ब्वायलर ट्यूब लिकेज)  बताया जा रहा है।  इन यूनिटों के ठप होने से उत्पादन कम हो रहा है। ऐसी स्थिति में गर्मी बढ़ी तो प्रदेशवासियों को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि, अभी प्रदेश में बिजली की मांग करीबी  24 हजार मेगावाट है।  इसमें उत्पादन निगम की यूनिटों से 3915 मेगावाट बिजली मिल रही है। जबकि 12 हजार मेगावाट आयातित बिजली से काम चलाया जा रहा है। फिलहाल इस मौसम में भी ग्रामीण इलाके में 18 घंटे के बजाय 17.58 घंटे बिजली  आपूर्ति का दावा किया जा रहा है। विभागीय रिपोर्ट में सिर्फ ग्रामीण इलाके में दो मिनट की कटौती दिखाई जा रही है। 

जल्द फिर से शुरू होगा उत्पादन-

पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल का कहना है कि प्रदेश में बिजली का इंतजाम है। उपभोक्ताओं को किसी तरह की समस्या नही होगी। कुछ यूनिट तकनीकी कारणों से बंद हुई हैं।  इस तरह की समस्या कभी-कभार आती रहती है। टीमें लगी हुई हैं जल्द ही इन इकाइयों में फिर से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें