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देशभर आज मनाया जा रहा गोवर्धन पूजा का त्योहार, जानिए शुभ मुहूर्त

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गोवर्धन पूजा के दिन हिन्दू मान्याताओं के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति भगवान कृष्ण की पूजा करने के साथ साथ पृथ्वी और पृथ्वी पर रह रहे जीव जन्तुओं, पशु-पक्षियों और प्रकृति को सुरक्षित रखने का संकल्प लेता है। वह संकल्प लेता है कि वह पृथ्वी और प्रकृति की रक्षा करेगा, और हर साल की तरह इस साल भी यह त्योहार कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाया जा रहा है। सदियों से गोवर्धन पूजा दीपावली के ठीक दूसरे दिन मनाई जाती है।

 गोवर्धन पूजा पर श्री कृष्ण का महत्व-

कहते है कि भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को इंद्र देव के क्रोध से ब्रजवासियों की रक्षा करने के लिए अपनी उंगली पर उठाया था। बताया जाता है कि इंद्र देव ने क्रोध में आकर कई दिनों तक वर्षा की थी जिससे ब्रजवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा था। जिसके बाद श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए अपनी एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था, इस पर्वत के नीचे सभी नगरवासी और पशु इकट्ठा हो गए थे। भगवान श्रीकृष्ण ने 7 दिनों तक गोवर्धन पर्वत अपनी उंगली पर रखा। इस दौरान लोगों ने अपने-अपने घर से लाया गया हुआ विभिन्न प्रकार का भोजन इकट्ठा किया और उसे मिलजुल खाया। इसे ही अन्नकूट कहते हैं। 
इसी घटना की याद में हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा मनाई जाती है।

विधि पूर्वक करें पूजन-

इस दिन घर के आंगन में या बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाते हैं और पूजा करते हैं। यह आकृति गोबर के ढेर को गोलाकार या लंबवृत्ताकार आकार में बनाया जाता है। इस आकृति के ऊपर भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है। साथ ही इस दिन लोग विभिन्न प्रकार के अनाज और व्यंजनों से एक पहाड़ बनाते हैं और  इस आकृति के चारों ओर मोर पंख, फूल, माला आदि से सजावट की जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। इन व्यंजनों में मुख्य रूप से अन्नकूट, मिठाई, फल, सब्जियां आदि शामिल होती हैं। 

इस दिन होगी गोवर्धन पूजा -

पूजन करने का शुभ मुहूर्त-इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से हो रही है और समापन अगले दिन 14 नवंबर दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसे में गोवर्धन पूजा का पर्व 14 नवंबर को मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, शुभ गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त 14 नवंबर को सुबह 6:43 बजे से 08:52 बजे के बीच है। ऐसे में गोवर्धन पूजा के लिए दो घंटे नौ मिनट तक पूजा का मुहूर्त रहेगा। गोवर्धन पर घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा को प्रकृति की पूजा भी कहा जाता है, इसकी शुरुआत स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने की थी।

पूजन करने की विधि-

  • गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें।
  • फिर शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं। इस आकृति
  • के चारों ओर मोर पंख, फूल, माला आदि से सजावट करें।  
  • इसके बाद धूप-दीप आदि से विधिवत पूजा करें।
  • भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन करें।
  • इसके बाद अन्नकूट और मिठाईयों का भोग लगाएं।

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