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आज बसंत पंचमी का पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है। ज्ञान, बुद्धि और कला की देवी सरस्वती को समर्पित इस पर्व की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है। बसंत पंचमी को शिक्षा का पर्व माना जाता है। यह पर्व मां सरस्वती को समर्पित है। मान्यता है कि मां सरस्वती ही सम्पूर्ण सृष्टि में वाणी और रचनात्मकता का संचार करती हैं। सम्पूर्ण पृथ्वी पर जो भी विविधता और रचनात्मकता है वो मां सरस्वती के आशीर्वाद से ही संभव है। इसलिए ही बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के पूजन का विधान है। इसके साथ ही बसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा भी माना जाता है। बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का पर्व मनाया जाता है, इसलिए बसंत पंचमी से होली के त्योहार की शुरुआत भी मानी जाती है।
क्या है धार्मिक मान्यता-
धार्मिक मान्यता के मुताबिक बसंत पंचमी को देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी दिन वह हाथों पुस्तक, वीणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुई थीं। साथ ही बसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। शास्त्रों के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली भी प्रसन्न होती हैं।
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त-
आपको बता दें कि बसंत ऋतु के आगमन पर बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। कोई भी नया काम शुरू करने के लिए आज का दिन उत्तम माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। बसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर समापन 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। आज के दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। सरस्वती पूजा के लिए सिर्फ साढ़े पांच घंटे का समय है। उदयातिथि के मुताबिक बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी यानि आज ही मनाया जा रहा है।
बसंत पंचमी पूजन विधि -
बसंत पंचमी के दिन सवेरे-सवेरे स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करने का विधान है। इस दिन पूरे विधि विधान के साथ मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले रंग के कपड़े पर स्थापित करें। उनकी पूजा में रोली, मौली, हल्दी, केसर, अक्षत, पीले या सफेद रंग के फूल, पीली मिठाई आदि चीजों का प्रयोग करें। इसके बाद मां सरस्वती की वंदना करें और पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को रखें। पूजा स्थल की तैयारियों के बाद बच्चों को पूजा स्थल पर बैठाएं। इस दिन से बसंत का आगमन हो जाता है इसलिए देवी को गुलाब अर्पित करना अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही गुलाल से एक-दूसरे को टीका लगाना चाहिए। जिससे मां सरस्वती प्रसन्न होकर मन वांछित फल प्रदान करें।
मांगलिक कार्यों के लिए बहुत शुभ दिन-
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का बहुत महत्व है। मांगलिक कार्यों के लिए इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है। शादी से लेकर गृह प्रवेश या कुछ नया काम इसी दिन से शुरू किया जाता है तो बहुत अच्छा रहता है। इस दिन मां की विशेष कृपा पाने के लिए मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
Baten UP Ki Desk
Published : 14 February, 2024, 1:22 pm
Author Info : Baten UP Ki