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यूपी में हर घर-आंगन तक पहुंचेगा योग

आज के समय में अगर आपके पास योग का ज्ञान आसानी से उपलब्ध है तो इसका श्रेय जाता है महर्षि पतंजली को.. योग के सूत्र पहले बिखरे हुए थे, उन सूत्रों को समझना पहले मुश्किल था। इस समस्या को समझते हुए महर्षि पतंजली ने योग के 195 सूत्रों को इकट्ठा किया और अष्टांग योग का प्रतिपादन किया। आज के दौर में ज्यादातर लोग योग सिर्फ शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कर रहे हैं लेकिन इससे आप बॉडी और ब्रेन दोनों को ही स्वस्थ्य बना सकते हैं।


21 जून को हर साल बड़ी शान से मनाया जाने वाला इंटरनेशनल योगा डे केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोगों को एक स्वास्थ्य जीवन दे रहा है।खुद साइंस भी इस बात पर भरोसा करती है कि योगा हमारी बॉडी के लिए संजीवनी से कम नहीं है। यह आपकी दुखती कमर, सर दर्द, थकावट और अन्य बॉडी पेन जैसी प्रोब्लेम्स को चुटकियों में सॉल्व कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम "वसुधैव कुटुम्बकम" के सिद्धांत के साथ वन वर्ल्ड, वन हेल्थ रखी गई है। और योग दिवस की इस थीम को केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा चुना गया है, इसकी जानकारी भी पीएम मोदी ने अपने हाल के ही "मन की बात" कार्यक्रम में दी है। वहीं यूपी के हर घर में प्राचीन अभ्यास को ले जाने के उद्देश्य से इस वर्ष ‘हर घर आंगन योग’ नामक थीम को अपनाया जाएगा। 


योग दिवस को लेकर एक डिटेल्ड कार्य योजना तैयार की गई है जिसके तहत प्रदेश में डिस्ट्रिक लेवल पर समितियों का गठन किया गया है, यह कार्य योजना को सही तरीके से संचालित करने की निगरानी करेगी और इसके पूरा करने में आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।"अब इसके लिए यूपी सरकार ने जिलाधिकारियों (डीएम) को इन समितियों की अध्यक्षता करने के लिए निर्देशित किया है, जिसमें एसएसपी, एसपी, सीएमओ, सीडीओ, नगर आयुक्त शामिल होंगे। इसके सदस्य के रूप में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, जिला होम्योपैथिक अधिकारी, जिला शिक्षा निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, खेल अधिकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल है। एक हफ्ते तक चलने वाले इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने इसमें प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन को भी शामिल किया है। इसमें रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम, पं. जैसे संगठन, दीन दयाल उपाध्याय योग संस्थान, गायत्री परिवार, ब्रह्मा कुमारी फाउंडेशन, पतंजलि योग संस्थान, आर्ट ऑफ लिविंग जैसे संगठन भी योग सप्ताह में शामिल रहेंगे। इसके अलावा प्रदेश भर के तकनीकी संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों और चिकित्सा संस्थानों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 


अब बात योग दिवस की हो रही है तो इसके इतिहास के बारे में भी जान लेते हैं .. भारत में खासतौर पर योग का इतिहास काफी पुराना रहा है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसकी पहल की गई थी, जिसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से पारित किया था। गौरतलब है कि कुल 193 सदस्य देशों में से 177 सदस्य देशों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा की मंजूरी के बाद सबसे पहले 21 जून 2015 को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन भव्य तरीके से किया गया।जिसमें 4 देशों के प्रतिनिधियों समेत करीब 35 हजार से अधिक लोगों ने दिल्ली के राजपथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योग के 21 आसन किए थे।


अब लगे हाथ हमारे जीवन में योग दिवस का क्या महत्त्व है इसके बारे में भी जान लेते हैं.. योग जरूरी है हमारे स्वस्थ शरीर और मन के लिए। हमारे जीवन में योग सकारात्मक प्रभाव करता है। हर साल 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मकसद लोगों के बीच योग के अभ्यास को बढ़ावा देना है, जिसके मद्देनजर पूरी दुनिया में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 

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