हम सभी जानते हैं कि सेहतमंद रहने के लिए कसरत करना बेहद जरूरी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कसरत का हमारे दिल पर उल्टा असर भी हो सकता है? एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कसरत और दिल की सेहत का एक "U-शेप रिलेशनशिप" होता है। इसका मतलब है कि कम या अधिक कसरत दोनों ही हानिकारक हो सकती हैं, जबकि एक संतुलित मात्रा में कसरत करना आपके दिल के लिए सबसे फायदेमंद साबित होता है। आइए, इस दिलचस्प कर्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।
U-शेप रिलेशनशिप: संतुलित कसरत से मिलता है लाभ-
U-शेप रिलेशनशिप के तहत, मॉडरेट यानी संतुलित मात्रा में कसरत करने से दिल की सेहत बेहतर होती है। लेकिन, अगर आप बहुत अधिक और अत्यधिक तेज़ कसरत करने लगते हैं, तो इसके नुकसान भी हो सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, हर दिन थोड़ी मात्रा में कसरत करने से हार्ट डिज़ीज़ और मौत का ख़तरा कम हो जाता है। लेकिन जब आप इसके दूसरे छोर पर पहुंच जाते हैं, यानी अत्यधिक कसरत करने लगते हैं, तो इसका आपके दिल पर उल्टा असर पड़ सकता है।
अत्यधिक कसरत क्यों हो सकती है खतरनाक?
कई लोग सोचते हैं कि जितना ज़्यादा वर्कआउट करेंगे, उतना ही शरीर और दिल फिट रहेगा। लेकिन सच्चाई यह है कि ज्यादा कसरत करने से दिल पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव पड़ता है, जो हार्ट की संरचना में बदलाव कर सकता है। इस दबाव के कारण लेफ्ट वेंट्रिकुलर हायपरट्रॉफी (दिल के बाएं वेंट्रिकल का बड़ा हो जाना), कोरोनरी आर्टरी कैल्सिफिकेशन (धमनियों में कैल्शियम जमा होना), और अरेज़मिक रीमॉडलिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे दिल की धड़कन में गड़बड़ी होती है, जिसे एट्रियल फाइब्रिलेशन कहते हैं।
एंड्योरेंस ट्रेनिंग: लंबे समय तक कसरत का खतरा-
जो लोग लंबे समय तक लगातार कसरत करते हैं, खासकर जब वे पहले से फिट नहीं होते, उनके लिए यह अभ्यास हानिकारक हो सकता है। एंड्योरेंस ट्रेनिंग यानी लंबे समय तक बिना रुके कसरत करना दिल की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
कितनी कसरत होनी चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, हफ्ते में कम से कम 150 मिनट मॉडरेट एरोबिक एक्सरसाइज़ या फिर 75 मिनट इंटेंस एरोबिक एक्सरसाइज़ करना चाहिए। ये आपके दिल को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त है। अगर आप इससे ज्यादा कसरत करते हैं, तो आपको ध्यान रखना चाहिए कि बहुत अधिक वर्कआउट से दिल पर दबाव पड़ सकता है और इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है।
संतुलन ही है कुंजी-
कसरत आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन संतुलित तरीके से। डॉक्टरों का कहना है कि चाहे आप दिल की बीमारी से पीड़ित हों या पूरी तरह स्वस्थ हों, हल्की-फुल्की कसरत करना आपके लिए लाभदायक है। लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा कसरत करने से आपके दिल पर अनावश्यक दबाव बढ़ सकता है।
कैसे अपनाएं संतुलित कसरत का रूटीन?
अगर आप अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए कसरत करना चाहते हैं, तो कुछ सुझाव हैं:
- धीरे-धीरे शुरू करें: अगर आप वर्कआउट की शुरुआत कर रहे हैं, तो हल्की-फुल्की एक्सरसाइज से शुरू करें।
- प्रगतिशील रहें: धीरे-धीरे अपनी कसरत का समय और इंटेंसिटी बढ़ाएं, लेकिन जरूरत से ज्यादा न करें।
- रूटीन फॉलो करें: हफ्ते में 3-4 दिन 30 मिनट की एरोबिक एक्सरसाइज़ जैसे तेज़ चलना, तैरना या साइकिल चलाना शामिल करें।
संतुलन ही असली कुंजी-
कसरत और दिल की सेहत के बीच U-शेप का संबंध दर्शाता है कि न तो बहुत कम कसरत लाभदायक होती है और न ही बहुत ज्यादा। संतुलन ही असली कुंजी है। अगर आप अपनी सेहत को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो अपनी कसरत को संतुलित और नियमित रखें, ताकि आपका दिल स्वस्थ रहे और आप जिंदगी का भरपूर आनंद ले सकें।