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क्या होते हैं रेड, ऑरेंज, येलो या फिर ग्रीन अलर्ट्स ?

देशभर में कहीं गर्म लू का कहर टूट रहा है तो कहीं भारी बारिश और तूफान से लोग परेशान हो गए हैं। फिलहाल यूपी के कुछ इलाकों में गर्म हवा ने सांसों पर संकट खड़ा कर दिया है। और इन गर्म हवाओं की वजह से यूपी में मौतों का आकड़ा 100 से भी ऊपर जा चुका है। हालांकि कुछ इलाकों में फुहारों का दौर शुरू हो चुका है पर कुछ जगहों पर अभी भी हर किसी की निगाहें IMD यानी कि इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट की ओर हैं और सवाल बस यही कि आखिर मानसून कब आएगा ? तो आपको बता दें यूपी में चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के बीच राहत की खबर ये है कि जिन जगहों पर बारिश अभी तक नहीं हुई है वहां अगले 1 दिन के अंदर मॉनसून दस्तक दे सकता है। साथ ही विभाग ने 25 जून को पूरे उत्तर प्रदेश में भरी बारिश का अलर्ट भी जारी कर दिया है। 

मौसम विभाग कब जारी करता है अलर्ट्स-
क्या आप जानते हैं कि मौसम विभाग द्वारा जारी किये गए रेड, ऑरेंज, येलो या फिर ग्रीन अलर्टस क्या होते हैं। खैर, आपको पता हो कि भारत का मौसम विज्ञान विभाग (IMD) हर रोज़ मौसम की भविष्यवाणी करता है। और कुछ स्थितियों में मौसम विभाग द्वारा 4 तरह के अलर्टस भी जारी किये जाते हैं। जिसमें रेड, ऑरेंज, येलो या फिर ग्रीन अलर्ट शामिल हैं। अब इन चार रंगों का मतलब क्या होता है और किस तरह से हम इनको समझ कर हम सावधान रह सकते हैं आइये बताते हैं।
क्या होता है येलो अलर्ट -
तो येलो अलर्ट खराब मौसम की आने वाले स्थिति को बताने के लिए जारी किया जाता है। एक तरह से इसे डेंजर साइन यानी खतरे की घंटी भी कहा जा सकता है। ये जस्‍ट वॉच का सिग्‍नल होता है यानी कि आपको मौजूदा स्थिति में तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन आने वाले समय में कभी भी विकराल रूप ले सकता है। इसके लिए आप कमर कस लें और तैयार रहें। 

दूसरा अलर्ट है ऑरेंज अलर्ट-
ऑरेंज अलर्ट येलो अलर्ट से भी खतरनाक है। इसका साफ मतलब है कि खतरे ने दस्‍तक दे दी है, मौसम की खतरनाक स्थिति कभी भी आपके सामने आ सकती है। यानी कि किसी तरह की लापरवाही अब आपको नहीं करनी चाहिए। खुद को उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार कर लेना चाहिए। ऑरेंज अलर्ट जारी होने पर संबंधित अधिकारियों को तैयार रहने को कहा जाता है और आपको अपनी यात्राओं, कामकाज या स्कूली बच्चों के लिए आवागमन के बारे में भी तैयारी रखने की जरूरत होती है। 

रेड अलर्ट क्यों जारी किया जाता है-

तो मौसम जब बहुत ज्‍यादा खराब हो और इसके कारण नुकसान होने की आशंका ज्यादा हो, तब मौसम विभाग की तरफ से रेड अलर्ट जारी किया जाता है। मानसून में रेड अलर्ट का मतलब बारिश, तूफान और चक्रवात की खतरनाक स्थिति से होता है। रेड अलर्ट लोगों को सावधान करने के लिए जारी किया जाता है कि अब आपको अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सभी नियमों को मानना चाहिए। ऐसे में रेड अलर्ट जारी होने पर आपको प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए अपने स्तर पर सभी तैयारी कर लेनी चाहिए। 

क्या होता है ग्रीन अलर्ट -
तो ग्रीन अलर्ट मौसम विभाग द्वारा तब जारी किया जाता है जब मौसम एकदम चकाचक यानी आल इज वेल हो। इसका सीधा मतलब होता है कि मौसम एकदम क्‍लीयर है और दिमाग पर ज्यादा लोड लेने की जरूरत नहीं है। ऐसे में खुद को सेफ मानें और चिल करें।

 

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