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उत्तर प्रदेश के लोगों को इन दिनों मानसून का बेसब्री से इंतज़ार है। लेकिन लखनऊ में बदलते मौसम की आंधी ‘एंजेल’ के लिए कहर से कम साबित नहीं हुई। 5 जून को लखनऊ निवासी प्रीति जग्गी अपनी 13 साल की बच्ची एंजेल को घुमाने के लिए घर से निकली थी। लेकिन शायद किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह सफ़र उनका आखिरी सफ़र होगा। लखनऊ में शहीद पथ पर स्थित इकाना स्टेडियम का यूनीपोल अचानक तेज आंधी के कारण भरभराकर गिर गया। नीचे खड़ी स्कार्पियो कार भी इसकी चपेट में आ गई थी, जिसमें प्रीती और उनकी बेटी दोनों की ही मौत हो गई। इस हादसे में उनके ड्राईवर सरताज खान को भी गंभीर चोटें आई हैं, फिलहाल वे हॉस्पिटल में एडमिट है और उनका इलाज जारी है. आब आते हैं मामले पर..
स्टेडियम में बने चबूतरे पर यह यूनीपोल बोल्ट द्वारा लगाया गया था। लंबे समय से मरम्मत न होने की वजह से इसमें जंक लगी थी जिसके चलते यह पोल कमज़ोर हो गया था। हादसे के बाद कई विभाग जांच और कार्रवाई का दावा कर रहे हैं। लेकिन कई सवाल ऐसे हैं जो इन्ही विभागों की लापरवाही को दर्शाते हैं.. पहला यह, कि बिना अनुमति स्टेडियम में इतना हैवी स्ट्रक्चर कैसे लगाया गया? दो साल से नगर निगम में होर्डिग की लाइसेंस फीस जमा किये बिना इस पर विज्ञापन कैसे चल रहा था? इतना ही नहीं, हाल ही में आईपीएल के मैच हुए जिसमें इंटरनेशनल स्तर के खिलाड़ी और हज़ारों की भीड़ जुटी, इस आयोजन को बिना सुरक्षा के मानकों की जांच के मंजूरी कैसे दी गई? एक और बड़ा सवाल.. अगर यह हादसा आईपीएल के दौरान हुआ होता तो स्थित क्या होती..
खैर, अब इस हादसे के बाद इकाना प्रशासन के खिलाफ धारा 338(ऐसा कार्य करना जिससे मानव जीवन खतरे में हो), 304A (लापरवाही से किसी की मौत हो जाना)के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा नगर निगम ने स्टेडियम में होर्डिंग लगाने वाली कंपनी ओरिजिन प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। वहीँ इस घटना से सबक लेते हुए कमजोर ढाँचे वाले 2 यूनीपोल और 8 विज्ञापन फ्लेक्स निगम ने हटवा दिए हैं। साथ ही घरों और प्रतिष्ठानों की छतों पर होर्डिंग्स लगाने वालों को मजबूती प्रमाण पत्र देने के लिए नोटिस दिया गया है। अब लखनऊ के इस हादसे के बाद कानपुर नगर निगम की भी नींद टूट गई। शहर में लगे न केवल 157 यूनीपोल के मजबूती के सत्यापन की रिपोर्ट के लिए नोटिस जारी किया गया है, बल्कि करीब 300 अवैध होर्डिंग के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें हटाया भी गया।
अब जान लेते हैं कि होर्डिंग्स लगाने को लेकर नियम क्या कहते हैं.. रिहायशी इलाके में केवल 40 फुट तक होर्डिंग लगाई जा सकती है। 10 रुपये के स्टांप पर होर्डिंग से होने वाले किसी भी तरह के नुकसान की जिम्मेदारी लेने का हलफनामा निगम के प्रचार विभाग में जमा करना होता है। किसी सर्टिफाइड इंजिनियर से स्ट्रक्चर को अप्रूव करवाना पड़ता है और इसके दस्तावेज निगम में सम्मिट करने होते हैं। स्ट्रक्चर का यह अप्रूवल एक साल के लिए ही मान्य होता है, यानी एक साल बाद इसे फिर से अप्रूव करना होता है। लगे हाथ मकानों पर होर्डिंग्स लगाने के लिए क्या नियम तय किये गए हैं, यह भी जान लेते हैं..
सबसे पहले मकानों में होर्डिंग लगाने के लिए नगर निगम से परमिशन लेनी होती है। साथ ही मकान का हाउस टैक्स लेने के जगह कामर्शियल टैक्स का नियम। मकानों का नक्शा पास होना चाहिए, उसकी मजबूती का भी प्रमाण पत्र होना चाहिए। हर साल उसके रिन्यूवल से पहले मजबूती के सत्यापन रिपोर्ट व एनओसी रिपोर्ट भी होनी चाहिए। फिलहाल मामले पर जांच जारी है...
Baten UP Ki Desk
Published : 10 June, 2023, 2:18 pm
Author Info : Baten UP Ki