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बनारस नहीं अब इलाहाबाद सिखाएगा आसान भाषा में संस्कृत

भारतीय समाज में संस्कृत हमेशा एक महत्वपूर्ण भाषा रही है। इस प्राचीन भाषा में कुछ अद्भुत विशेषताएँ हैं जिसके चलते यह अध्यात्म, मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन, एकाग्रता बढ़ाने के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में भी उपयोगी सिद्ध हो रही है। संस्कृत का एक समृद्ध इतिहास रहा है जिसका प्रयोग प्रारंभिक भारतीय गणित और विज्ञान के लिए किया जाता था। इसके इतने खास होने का बड़ा कारण है कि इसमें  व्याकरण की नियमबद्धता, सूत्रबद्धता के साथ तार्किकता है, जिसके चलते यह एल्गोरिथम लिखने के लिए सबसे उपयुक्त भाषा साबित होती है। इसके महत्त्व को देखते हुए उत्तर प्रदेश में इसको बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसी तरह की एक पहल इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध इविंग क्रिश्चियन महाविद्यालय (ईसीसी) में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरुणेय मिश्र ने संस्कृत सीखने के लिये किया है। क्या है यह पहल, कैसे आप आसानी से खेल-खेल में संस्कृत सीख सकते हैं, भारत सरकार ने पहले इस तरह के अन्य कौन से कदम उठाये हैं, जैसे कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब के साथ हाजिर है "बातें यूपी की" का यह वीडियो।

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