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किसे पता था कि श्रीप्रकाश शुक्ला के लिए बनाई गई स्पेशल फ़ोर्स ही अतीक अहमद जैसे गैंगेस्टर के बेटे और उमेश पाल की हत्या के प्रमुख आरोपी असद अहमद और शूटर गुलाम का भी एनकाउंटर करेगी। 1998 में बनी STF का आज भी उपयोगी होना समाज की बहादुरी नहीं बल्कि सामाजिक अपराधीकरण का सूचक है। इससे पता चलता है कि समाज में आज भी गैंगस्टर, अपराधी और दरिंदे किस तरह से आतंक मचाये हुए हैं और इनसे निपटने और पब्लिक की सिक्योरिटी के लिए आज भी STF की उपयोगी भूमिका कायम है। क्या है STF का इतिहास, इसे क्यों गठित किया गया था, STF किस तरह के केस के लिए जिम्मेदार है और अब तक इसकी क्या उपलब्धि रही है? इन्हीं सवालों के जवाब के साथ हाजिर है-"बातें यूपी की"
Baten UP Ki Desk
Published : 18 April, 2023, 9:28 am
Author Info : Baten UP Ki